Vikrant Shekhawat : Sep 11, 2024, 05:00 PM
Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की, जिसमें कई अहम निर्णय और बदलाव नजर आ रहे हैं। विशेष रूप से, पार्टी ने मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र की तीन विधानसभा सीटों पर अपनी रणनीति में बदलाव किया है, जिसमें दो मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि बीजेपी की इस नई रणनीति का उद्देश्य क्या है और इस क्षेत्र में जीत की राह कितनी कठिन है।बीजेपी की नई सूची: मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांवबीजेपी ने मेवात इलाके के फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना विधानसभा सीटों के लिए दो मुस्लिम उम्मीदवारों को चुना है। फिरोजपुर झिरका से नसीम अहमद को दोबारा टिकट दिया गया है, जबकि पुन्हाना से एजाज खान को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा, नूंह सीट से पिछली बार के उम्मीदवार जाकिर हुसैन की जगह संजय सिंह को मैदान में उतारा गया है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य मेवात की सियासी गणित को ठीक करना और क्षेत्रीय समीकरणों को अपने पक्ष में करना है।मेवात: मुस्लिम बहुल क्षेत्र की सियासी चुनौतीहरियाणा का मेवात क्षेत्र मुस्लिम बहुल माना जाता है, जहां मुस्लिम आबादी 70 से 80 प्रतिशत तक है। इस इलाके में तीन विधानसभा सीटें हैं: नूंह, पुन्हाना, और फिरोजपुर झिरका। पिछले चुनावों में इन तीनों सीटों पर कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत हुई है। बीजेपी की कोशिश है कि इस बार मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर कांग्रेस को चुनौती दी जाए।बीजेपी की रणनीति: मुस्लिम उम्मीदवार और हिंदू चेहराबीजेपी ने इस बार नूंह विधानसभा सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार के बजाय संजय सिंह को टिकट दिया है, जो वर्तमान में सोहना से विधायक और राज्य मंत्री हैं। इस रणनीति का उद्देश्य नूंह सीट पर हिंदू वोटों को आकर्षित करना और कांग्रेस के मौजूदा विधायक आफताब अहमद को चुनौती देना है। संजय सिंह की हिंदूवादी छवि के साथ बीजेपी ने मुस्लिम मतदाताओं को घेरने का प्रयास किया है।फिरोजपुर झिरका सीट पर बीजेपी ने नसीम अहमद को फिर से टिकट दिया है, जबकि पुन्हाना में नए मुस्लिम चेहरा एजाज खान को उतारा है। पिछले चुनावों में पुन्हाना सीट पर बीजेपी ने हिंदू उम्मीदवार को उतारा था, लेकिन इस बार मुस्लिम उम्मीदवार के रूप में एजाज खान को मौका दिया गया है।मेवात क्षेत्र की चुनावी परंपरामेवात की तीनों विधानसभा सीटों पर अभी तक बीजेपी की जीत नहीं हुई है। 1967 में हरियाणा राज्य बनने के बाद से मेवात में मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत का सिलसिला चला आ रहा है। कांग्रेस और इनेलो जैसी पार्टियों ने यहाँ मुस्लिम उम्मीदवारों को ही उतारा है और जीत हासिल की है।नूंह सीट पर 2019 में चुनाव लड़ने वाले जाकिर हुसैन को अब संजय सिंह के रूप में चुनौती दी जा रही है। संजय सिंह के चुनावी मैदान में आने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना सीटों पर भी मुकाबला कड़ा रहेगा, खासकर जब दोनों प्रमुख दल अपने पुराने चेहरों को मैदान में उतार रहे हैं।बीजेपी की राह: मुश्किलें और संभावनाएँबीजेपी ने मेवात क्षेत्र की सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारकर एक नई रणनीति अपनाई है, लेकिन इस क्षेत्र में ‘कमल’ खिलाना आसान नहीं है। मुस्लिम मतदाता यहां निर्णायक भूमिका में हैं और पिछले चुनावों में बीजेपी को यहाँ अच्छा प्रदर्शन नहीं मिला है। नूंह में हाल की हिंसा और कांग्रेस की मजबूत पकड़ ने बीजेपी के लिए चुनौती को और बढ़ा दिया है।मुस्लिम बहुल मेवात क्षेत्र में बीजेपी के लिए जीत की राह कठिन है, और कांग्रेस के लिए यह क्षेत्र लगातार मजबूत होता जा रहा है। 2023 में नूंह इलाके में हुई हिंसा के बाद से सियासी समीकरण और भी पेचीदा हो गए हैं। बीजेपी को यहाँ जीतने के लिए कई राजनीतिक, सामाजिक, और सियासी बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।अंततः, हरियाणा विधानसभा चुनाव के मेवात क्षेत्र में बीजेपी की नई रणनीति और उम्मीदवारों का चयन यह दर्शाता है कि पार्टी क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए चुनावी गणित को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इसे सफल बनाने के लिए बीजेपी को कड़ी मेहनत और रणनीतिक बदलाव की जरूरत होगी।