दुनिया / चीन के दबाव में नहीं आया कनाडा, हांगकांग पर ड्रैगन को दिया झटका

कनाडा और चीन के बीच चल रहे तीखे रिश्तों में और कड़वाहट भर गई है। चीन के साथ रिश्तों में कटौती करते हुए कनाडा ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को रद्द कर दिया है। कनाडा ने यह कदम चीन द्वारा अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए हांगकांग पर नया सुरक्षा कानून थोपने की वजह से उठाया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ने कहा, ''कनाडा तत्काल प्रभाव से संवेदनशील सैन्य सामानों को हांगकांग निर्यात की अनुमति नहीं देगा।

Live Hindustan : Jul 09, 2020, 04:41 PM
कनाडा और चीन के बीच चल रहे तीखे रिश्तों में और कड़वाहट भर गई है। चीन के साथ रिश्तों में कटौती करते हुए कनाडा ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को रद्द कर दिया है। कनाडा ने यह कदम चीन द्वारा अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए हांगकांग पर नया सुरक्षा कानून थोपने की वजह से उठाया है।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ने कहा, ''कनाडा तत्काल प्रभाव से संवेदनशील सैन्य सामानों को हांगकांग निर्यात की अनुमति नहीं देगा। कनाडा यह भी मानता है कि सभी संवेदनशील सामान जो हांगकांग निर्यात किए जा रहे हैं उनका इस्तेमाल मेनलैंड चाइना में होगा।'' कनाडा के विदेश मंत्री ने नए कानून को स्वतंत्रता के लिए अहम कदम बताया। कनाडा के इस कदम से चीन और चिढ़ गया है। चीन ने हांगकांग सुरक्षा कानून की आलोचना के लिए कनाडा पर भड़ास निकाली थी तो हांगकांग के अधिकारियों ने प्रत्यर्पण संधि के कनाडा के निलंबन पर निराशा व्यक्त की।


दोनों देशों के बीच संबंध 2018 में बिगड़ गए थे जब कनाडा ने हुआवेई की सीएफओ मेंग वांगझू को यूएस के वारंट पर गिरफ्तार कर लिया था। मेंग की गिरफ्तारी के बाद चीन ने कानाडा के नागरिक और पूर्व कूटनीतिज्ञ माइकल कोवरी और बिजनेसमैन माइकल स्पावोर को जाजूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। चीन ने 18 महीनों से कनाडा के दोनों नागरिकों कों कैद में रखा है। उन्हें काउंसलर एक्सेस भी नहीं दी गई है। 


चीन के इस कदम से कनाडा में काफी आक्रोश है। चीन ने एक बड़े खेल के तहत कनाडा के दोनों नागरिकों को गिरफ्तार किया था। वह दिखाना चाहता है कि दुनिया उसके हिसाब से फैसले करे। चीन यह संदेश देना चाहता है कि जो भी देश उसके सुर में सुर नहीं मिलाएंगे उनके साथ बुरा होगा। युद्ध की धमकी से विदेशियों को मनमाने तरीके से जेल में डालने तक और व्यापारिक रिश्तों में तनाव से लेकर चीनी स्टूडेंट्स भेजने में कमी तक। चीन इसी तरह की रणनीति ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी अपना रहा है, क्योंकि उसने कोरोना वायरस को लेकर चीन के खिलाफ जांच की मांग की थी। 


कनाडा सरकार को भी चीन के साथ समझौते को लेकर दबाव में लेने की कोशिश की गई। लेकिन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अडिग रहे। उन्होंने अपने नागरिकों की रिहाई के लिए हुआवेई की अधिकारी को छोड़ने की सलाह को अस्वीकार कर दिया। ट्रूडो ने कहा, ''यदि चीन सरकार यह मानता है कि नागरिकों को हिरासत में लेना कनाडा सरकार पर प्रभाव जमाने का तरीका है और अंधाधुंध तरीके से लोगों को गिरफ्तार किया जाता है तो कोई कनेडाई सुरक्षित नहीं होगा। तब कूटनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कहीं भी कोई भी सरकार इसी तरीके से कनाडा के लोगों को गिरफ्तार करने लगेगी।'' 


पीएम ट्रूडो के कैदी अदला-बदली प्लान को खारिज किए जाने से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 'बंधक कूटनीति' जगजाहिर हो गई है। ट्रूडो सरकार को लगता है कि मेंग की रिहाई से कनाडा के प्रति चीन की दुश्मनी बढ़ ही जाएगी। इससे चीन में रह रहे कनाडियाई और असुरक्षित हो जाएंगे और चीन में एक्सपोर्ट करने वाले व्यापारियों की स्थिति और अस्थिर हो जाएगी। एक इच्छा पूरी जो जाने के बाद चीन दूसरे उद्देश्य के लिए कनाडा को टारगेट करेगा।