Vikrant Shekhawat : Jun 08, 2021, 12:20 PM
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को होटलों और रेस्तरां में मीट खाने को लेकर सतर्क किया है। मुख्यमंत्री ने आशंका जताई है कि यास चक्रवात के दौरान मरे हुए जानवारों का मीट होटलों और रेस्तरां में बेचा जा सकता है। फिर इसे ही ग्राहकों को परोस दिया जाता है। इसके साथ ही सीएम ममता बनर्जी ने राज्य के पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे उन जगहों पर छापेमारी करें, जहां इस तरह के मांस को स्टोर किया जा सकता है। ममता बनर्जी ने कहा, 'ऐसे भी लोग हैं, जो मरे हुए जानवरों का मांस होटलों और रेस्तरां को बेच देते हैं। इसके बाद यही ग्राहकों को परोस दिया जाता है। पहले भी हमने इस तरह के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था।' अप्रैल 2018 में बंगाल पुलिस ने कोलकाता के पास एक रैकेट का पर्दाफाश किया था, जो डंपिंग ग्राउंड में मरे पड़े जानवरों का मांस बेच देता था। जांच में यह बात सामने आई थी कि मरे हुए जानवरों के मांस को केमिकल डालकर प्रोसेस्ड किया जाता था। इसके बाद -44°C तक के तापमान में रखा जाता था। फिर उसे बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में बेच दिया जाता था। सीएम बनर्जी ने कहा कि मरे हुए जानवरों का मांस कुछ चुनिंदा जगहों पर ही स्टोर किया जाता है और फिर उन्हें रेस्तरां और होटलों को बेच दिया जाता है। बाढ़ के चलते पशुओं और पक्षियों की बड़ी संख्या में मौतेंयास चक्रवात से हुए नुकसान की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने प्रशासन को आदेश दिया, 'ऐसी जगहों को चेक करिए, जहां इस तरह के मांस को स्टोर किया जा सकता है और बेचा जा सकता है। यदि ऐसा है तो तुरंत जब्त करिए और कार्रवाई करिए। इसके अलावा मरे हुए जानवर को दफना दें।' अधिकारियों ने मीटिंग में बताया कि कुछ हजार पशुओं और पोल्ट्री बर्ड्स की यास चक्रवात के चलते मौत हुई है। पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में गांवों में इसके चलते बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली थी। इसकी वजह से भी बड़ी संख्या में पशुओं और पक्षियों की मौत हुई है।अधिकारी बोले, अब भी कई गांवों में जहां-तहां पड़े हैं मरे हुए जानवरएक अधिकारी ने बताया, 'अब भी यास के चलते 14 ब्लॉकों के 63 गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। वहां मरे हुए जानवर पड़े हैं और इसके चलते कुछ बीमारियों के फैलने का भी खतरा पैदा हो गया है।' ममता की रिव्यू मीटिंग में कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मरी हुई मछलियां भी रेस्तरां में बेची जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि नदियों का पानी गांवों में चला आया है और इसके चलते साफ पानी में पल रहीं मछलियां मर गई हैं।