Vikrant Shekhawat : Aug 31, 2024, 09:17 PM
Haryana Election 2024: भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चुनाव आयोग का निर्णय अक्सर महत्वपूर्ण होता है, और हाल ही में एक ऐसे ही निर्णय ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों की तारीखों को प्रभावित किया है। चुनाव आयोग ने हरियाणा में मतदान की तारीख को 1 अक्टूबर से बढ़ाकर 5 अक्टूबर कर दिया है, जबकि परिणाम 4 अक्टूबर के बजाय अब 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इसी तरह, जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव परिणाम की तारीख 8 अक्टूबर तय की गई है।तारीख बदलने का कारणचुनाव आयोग ने यह निर्णय बिश्नोई समुदाय की परंपराओं और उनके मतदान के अधिकार का सम्मान करते हुए लिया है। बिश्नोई समुदाय हर साल आसोज अमावस्या के दिन गुरु जम्भेश्वर की स्मृति में विशेष उत्सव का आयोजन करता है। इस परंपरा का सम्मान करते हुए चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख को आगे बढ़ाया है। बीजेपी द्वारा मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग करने के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें त्योहार और छुट्टियों के कारण मतदान की तारीख में बदलाव की आवश्यकता की बात की गई थी।पहले की तारीखों का संयोगपहले, 1 अक्टूबर को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में मतदान की योजना थी, जो वीकेंड और सार्वजनिक छुट्टियों से टकरा रही थी। 28-29 सितंबर को वीकेंड के दिन होने के कारण और 2 अक्टूबर को भी छुट्टी होने की संभावना थी, जिससे कई मतदाता शहर से बाहर जा सकते थे। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने तारीखों को संशोधित करने का निर्णय लिया।चुनाव की प्रक्रिया16 अगस्त को चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया था। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान होगा, जबकि हरियाणा में एक ही चरण में मतदान कराने का निर्णय लिया गया है। जम्मू-कश्मीर में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। हरियाणा में अब 5 अक्टूबर को मतदान होगा। पहले घोषित तारीख के अनुसार, परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित होने थे, लेकिन अब दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को सामने आएंगे।जम्मू-कश्मीर का विशेष संदर्भजम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, और इस बार 10 साल बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो रही है। यह चुनाव इस क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।निष्कर्षचुनाव आयोग का यह निर्णय न केवल बिश्नोई समुदाय की परंपराओं का सम्मान करता है, बल्कि मतदान प्रक्रिया को भी सुगम और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनावों की नई तारीखें मतदाताओं के लिए एक नया अवसर प्रस्तुत करती हैं और लोकतंत्र की मजबूती को दर्शाती हैं।