RBI MPC Meeting / 2000 के नोट रद्दी हो जाएं उससे पहले ही बदल डालें, आज है आखिरी मौका

आज 2000 के नोटों को बदलने का आखिरी मौका है. अगर आपके पास अभी भी 2000 के नोट पड़े हैं तो उन्हें जल्द बदलवा लें. दरअसल, इन नोटों को बदलने की एक्सटेंडेड डेडलाइन आज खत्म हो रही है. RBI के मुताबिक, अगर आप आज इन नोटों को नहीं बदलते हैं तो ये महज कागज का टुकड़ा हो जाएंगे. वहीं, इन्हे बदलने के लिए आपको कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. डेडलाइन खत्म होने से पहले RBI गवर्नर ने बंद हो चुके 2000 के नोटों को लेकर बड़ी जानकारी शेयर की है.

Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2023, 11:00 AM
RBI MPC Meeting: आज 2000 के नोटों को बदलने का आखिरी मौका है. अगर आपके पास अभी भी 2000 के नोट पड़े हैं तो उन्हें जल्द बदलवा लें. दरअसल, इन नोटों को बदलने की एक्सटेंडेड डेडलाइन आज खत्म हो रही है. RBI के मुताबिक, अगर आप आज इन नोटों को नहीं बदलते हैं तो ये महज कागज का टुकड़ा हो जाएंगे. वहीं, इन्हे बदलने के लिए आपको कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. डेडलाइन खत्म होने से पहले RBI गवर्नर ने बंद हो चुके 2000 के नोटों को लेकर बड़ी जानकारी शेयर की है. आइए बताते हैं RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्या कहा…

7 दिन के लिए मिला था मौका

2000 रुपये के नोट को बैंकों में एक्सचेंज और डिपॉजिट करने की डेडलाइन 7 अक्टूबर यानी आज है. उससे पहले ये डेडलाइन 30 सितंबर तय की गई थी. बाद में इसमें इजाफा कर 7 अक्टूबर कर दिया गया था. ऐसे में लोगों को खासकर NRI लोगों को इन नोटों को बदलने के लिए एक हफ्ते का एक्स्ट्रा समय दिया गया था.

7 अक्टूबर यानि आज के बाद, 2000 बैंक नोटों के एक्सचेंज की अनुमति सिर्फ 19 आरबीआई इश्यू ऑफिस में दी जाएगी. प्रति लेनदेन अधिकतम 20,000 रुपये के नोट की कैश डिपॉजिट लिमिट होगी. आरबीआई के 19 इश्यू ऑफिस में से किसी में भी, लोग या संस्थाएं अपने भारतीय बैंक खातों में किसी भी राशि के क्रेडिट के लिए 2000 रुपये के बैंक नोट दे सकते हैं.

आरबीआई गर्वनर ने दी जानकारी

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 रुपये के नोट को लेकर अहम जानकारी दी है. उन्होंने से बताया कि मई से वापस आए 3.43 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट में से 87 फीसदी बैंकों में डिपॉजिट के रूप में आए हैं. उन्होंने कहा कि अब भी मार्केट में 12 हजार करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट हैं और बैंकिंग सिस्टम में नहीं लौटे हैं. इन नोटों का भी बैंकों को इंतजार है. 12 हजार करोड़ रुपये कम नहीं है.