AajTak : Aug 25, 2020, 06:19 AM
Delhi: सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इंडिया टुडे के साथ हुई विशेष बातचीत में कहा कि अगले तीन-चार महीनों में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के लिए चुनाव होंगे। जिसके बाद नए कांग्रेस अध्यक्ष का चयन भी हो जाएगा। बता दें कि सोमवार को जब सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू हुई तो वहां के माहौल से ऐसा लग रहा था जैसे कि आज कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है लेकिन शाम होते-होते कहानी वहीं आकर अटक गई जहां से शुरू हुई थी। बैठक में फैसला लिया गया कि सोनिया गांधी ही फिलहाल अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी।इस मुद्दे पर चिदंबरम से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार के अलावा कोई नजर नहीं आता तो उन्होंने कहा कि हमने पूरे मामले का संज्ञान लिया और इससे बाहर निकलने का बेहतर रास्ता निकाला। महामारी के इस माहौल में हमने कुछ महीनों का वक्त निकाला है।
सेहत की वजह से पब्लिक में नजर नहीं आतीं सोनिया: चिदंबरमचिदंबरम से जब पूछा गया कि आपके वरिष्ठ नेताओं ने ही नेतृत्व पर सवाल उठाया है तो उन्होंने कहा कि एआईसीसी के चुनाव होने हैं लेकिन अभी संसद का मॉनसून सत्र होने वाला है, वहीं मार्च से लगातार महामारी चली आ रही है और कहा नहीं जा सकता कि ये स्थिति कब तक बनी रहेगी।जब चिदंबरम से पूछा गया कि कांग्रेस के नेताओं ने नेतृत्व में बदलाव की मांग की है तो उन्होंने कहा कि यह कहना कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी एक्टिव नहीं हैं ये गलत है। राहुल गांधी लगातार एक्टिव हैं। सोनिया गांधी पब्लिक में इसलिए एक्टिव नजर नहीं आती हैं क्योंकि यहां महामारी का दौर चल रहा है। उनकी सेहत इसके लिए इजाजत नहीं देती है।अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2004 में जब बीजेपी हारी थी तो क्या बीजेपी पर इसी तरह हमले हो रहे थे। नहीं, तो फिर अब कांग्रेस पर इस तरह के हमले क्यों हो रहे हैं। मीडिया को आज बीजेपी से सवाल पूछने चाहिए लेकिन वह कांग्रेस से सवाल कर रही है। देश में मीडिया को न्यूट्रल रहना चाहिए। मीडिया को विपक्ष की आवाज बनना चाहिए।
"ये कांग्रेस का अधिकार है कि वो किसी को भी चुने अपना अध्यक्ष"चुनाव में हार के बाद मंथन से जुड़े एक सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि चुनावी हार के बाद हमने हर बार मंथन किया, अपनी खामियों पर बात की। भारत बचाओ रैली उसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वह काफी सफल रहा था। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि जब मोदी की सत्ता अपने शीर्ष पर है हमने हिंदी भाषी प्रदेशों के तीन विधानसभा चुनाव जीते। ये दूसरी बात है कि उसमें से एक में बीजेपी के कारनामों की वजह से सरकार चली गई।कांग्रेस में गांधी परिवार के विकल्प से जुड़े सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि ये कांग्रेस का संवैधानिक अधिकार है कि वो किसी को भी अपना अध्यक्ष चुने। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मैं भी किसी की टिप्पणी पर जवाब देना पसंद नहीं करुंगा क्योंकि वो भी उनका संवैधानिक अधिकार है।चिदंबरम ने आगे कहा कि एआईसीसी की अगस्त 2019 की बैठक में फैसला लिया गया था कि सोनिया गांधी एक साल के लिए अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी। और फिर चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन मार्च से अगस्त की इस बैठक के बीच लगातार देश में महामारी का दौर चल रहा है इस वजह से अभी इलेक्शन नहीं कराए जा सकते हैं। अब लोग गांधी परिवार पर निशाना बना रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कांग्रेस में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। आने वाले समय में चुनाव होंगे।
सोनिया ने कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं: चिदंबरमचिदंबरम ने कहा कि मैं हमेशा से इस बात का समर्थन करता रहा हूं कि एआईसीसी में युवा लोगों को मौका दिया जाना चाहिए, पार्टी में कई लोग इस बात का समर्थन भी करते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वरिष्ठों को बाहर फेंक दिया जाएगा।
चिट्ठी लिखने वालों पर एक्शन से जुड़े सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में उन लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी। सोनिया गांधी ने अपने बयान में पूरी जिम्मेदारी और गंभीरता दिखाते हुए कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, हमें आगे बढ़ना है और हमें सबके लिए काम करना है।
सेहत की वजह से पब्लिक में नजर नहीं आतीं सोनिया: चिदंबरमचिदंबरम से जब पूछा गया कि आपके वरिष्ठ नेताओं ने ही नेतृत्व पर सवाल उठाया है तो उन्होंने कहा कि एआईसीसी के चुनाव होने हैं लेकिन अभी संसद का मॉनसून सत्र होने वाला है, वहीं मार्च से लगातार महामारी चली आ रही है और कहा नहीं जा सकता कि ये स्थिति कब तक बनी रहेगी।जब चिदंबरम से पूछा गया कि कांग्रेस के नेताओं ने नेतृत्व में बदलाव की मांग की है तो उन्होंने कहा कि यह कहना कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी एक्टिव नहीं हैं ये गलत है। राहुल गांधी लगातार एक्टिव हैं। सोनिया गांधी पब्लिक में इसलिए एक्टिव नजर नहीं आती हैं क्योंकि यहां महामारी का दौर चल रहा है। उनकी सेहत इसके लिए इजाजत नहीं देती है।अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2004 में जब बीजेपी हारी थी तो क्या बीजेपी पर इसी तरह हमले हो रहे थे। नहीं, तो फिर अब कांग्रेस पर इस तरह के हमले क्यों हो रहे हैं। मीडिया को आज बीजेपी से सवाल पूछने चाहिए लेकिन वह कांग्रेस से सवाल कर रही है। देश में मीडिया को न्यूट्रल रहना चाहिए। मीडिया को विपक्ष की आवाज बनना चाहिए।
"ये कांग्रेस का अधिकार है कि वो किसी को भी चुने अपना अध्यक्ष"चुनाव में हार के बाद मंथन से जुड़े एक सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि चुनावी हार के बाद हमने हर बार मंथन किया, अपनी खामियों पर बात की। भारत बचाओ रैली उसका सबसे बड़ा उदाहरण है। वह काफी सफल रहा था। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि जब मोदी की सत्ता अपने शीर्ष पर है हमने हिंदी भाषी प्रदेशों के तीन विधानसभा चुनाव जीते। ये दूसरी बात है कि उसमें से एक में बीजेपी के कारनामों की वजह से सरकार चली गई।कांग्रेस में गांधी परिवार के विकल्प से जुड़े सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि ये कांग्रेस का संवैधानिक अधिकार है कि वो किसी को भी अपना अध्यक्ष चुने। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। मैं भी किसी की टिप्पणी पर जवाब देना पसंद नहीं करुंगा क्योंकि वो भी उनका संवैधानिक अधिकार है।चिदंबरम ने आगे कहा कि एआईसीसी की अगस्त 2019 की बैठक में फैसला लिया गया था कि सोनिया गांधी एक साल के लिए अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी। और फिर चुनाव कराए जाएंगे। लेकिन मार्च से अगस्त की इस बैठक के बीच लगातार देश में महामारी का दौर चल रहा है इस वजह से अभी इलेक्शन नहीं कराए जा सकते हैं। अब लोग गांधी परिवार पर निशाना बना रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कांग्रेस में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। आने वाले समय में चुनाव होंगे।
सोनिया ने कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं: चिदंबरमचिदंबरम ने कहा कि मैं हमेशा से इस बात का समर्थन करता रहा हूं कि एआईसीसी में युवा लोगों को मौका दिया जाना चाहिए, पार्टी में कई लोग इस बात का समर्थन भी करते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वरिष्ठों को बाहर फेंक दिया जाएगा।
चिट्ठी लिखने वालों पर एक्शन से जुड़े सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में उन लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी। सोनिया गांधी ने अपने बयान में पूरी जिम्मेदारी और गंभीरता दिखाते हुए कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, हमें आगे बढ़ना है और हमें सबके लिए काम करना है।