Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2024, 12:11 PM
China News: चीन ने बुधवार को प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण करने की जानकारी दी है। यह परीक्षण पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की रॉकेट फोर्स द्वारा किया गया। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मिसाइल को एक डमी हथियार के साथ दागा गया था और यह प्रशांत महासागर के उच्च समुद्री क्षेत्र में गिराई गई। यह घटना दुनिया भर में सुरक्षा के लिए नए सवाल खड़े कर रही है, खासकर अमेरिका, ताइवान और जापान के लिए जो पहले से ही चीन की सैन्य शक्ति और आक्रामकता को लेकर चिंतित हैं।मिसाइल ने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा कियाचीन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह परीक्षण उनकी वार्षिक प्रशिक्षण योजना का हिस्सा था और किसी विशेष देश या लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए नहीं किया गया था। मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि यह परीक्षण सिर्फ हथियार प्रदर्शन और सैन्य प्रशिक्षण की प्रभावशीलता को परखने के लिए किया गया था। मिसाइल ने अपने सभी निर्धारित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हासिल किया है, जो चीन की मिसाइल प्रौद्योगिकी में बढ़ती प्रगति और ताकत को दर्शाता है।1989 के बाद पहली बार दी जानकारीयह परीक्षण खास इसलिए भी है क्योंकि चीन ने 1989 के बाद पहली बार एक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल परीक्षण की सार्वजनिक जानकारी दी है। चीन का पहला ICBM परीक्षण मई 1980 में हुआ था, और तब से लेकर अधिकांश परमाणु हथियार परीक्षण भूमिगत रूप से किए जाते रहे हैं। चीन के इस खुले परीक्षण की घोषणा से यह संकेत मिलता है कि वह अब अपनी बढ़ती सैन्य क्षमता को अधिक सार्वजनिक रूप से दिखाना चाहता है।अंतरराष्ट्रीय चिंता और संभावित खतरेचीन के इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु हथियारों को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। दुनिया के कई बड़े देशों के लिए यह परीक्षण एक संभावित खतरे के रूप में देखा जा रहा है। चीन का अमेरिका, जापान, फिलीपींस, और ताइवान के साथ दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रीय विवाद पहले से ही तनाव का कारण बने हुए हैं। ऐसे में यह परीक्षण स्थिति को और भी गंभीर बना सकता है।हालांकि, बीजिंग की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि वह "नो फर्स्ट यूज" (पहले उपयोग न करने) की नीति का पालन करता है, जिसका मतलब है कि चीन परमाणु हथियारों का उपयोग तब तक नहीं करेगा जब तक कि उसके खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग न किया जाए। इसके बावजूद, चीन की बढ़ती परमाणु क्षमता ने दुनिया के अन्य प्रमुख देशों के लिए सतर्कता का वातावरण बना दिया है।चीन के पास बढ़ता परमाणु भंडाररॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास वर्तमान में 500 से अधिक परमाणु हथियार हैं, जिनमें से लगभग 350 ICBM शामिल हैं। यह संख्या 2030 तक 1000 से अधिक हो सकती है। पेंटागन की एक हालिया रिपोर्ट ने यह भी खुलासा किया है कि चीन की सेना भूमि-आधारित ICBM के लिए सैकड़ों गुप्त मिसाइल साइलो का निर्माण कर रही है। यह संकेत देता है कि चीन अपनी परमाणु क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है, जिससे वैश्विक सैन्य संतुलन पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।निष्कर्षचीन द्वारा किए गए इस अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल परीक्षण ने वैश्विक मंच पर गंभीरता से ध्यान आकर्षित किया है। जहां एक ओर चीन ने इसे नियमित सैन्य अभ्यास का हिस्सा बताया है, वहीं दूसरी ओर इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अमेरिका, जापान, और ताइवान जैसे देशों के लिए यह एक नई चुनौती है, जो पहले से ही चीन की आक्रामक नीतियों और विस्तारवादी रवैये से परेशान हैं। अब देखना यह है कि इस परीक्षण के बाद दुनिया के अन्य बड़े देश इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और वैश्विक सुरक्षा पर इसका क्या असर पड़ता है।