Choti Diwali 2024: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी, नरक चौदस और रूप चौदस भी कहा जाता है, का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व धनतेरस के अगले दिन और दिवाली से एक दिन पहले आता है और दिवाली के 5 दिवसीय महोत्सव का दूसरा दिन होता है। इस दिन यम देव, हनुमान जी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन पूजन से अकाल मृत्यु और नरक के भय से मुक्ति मिलती है, जिससे घर में सुख-शांति का वास होता है।
छोटी दिवाली का महत्व और पौराणिक कथा
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाने के पीछे भगवान श्रीकृष्ण और राक्षस नरकासुर की कथा है। मान्यता है कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया था, जो देवताओं और आम जनों को आतंकित करता था। नरकासुर ने तीनों लोकों पर कब्जा कर राजाओं की कन्याओं का अपहरण किया था। भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का अंत करके देवताओं और लगभग 16 हजार स्त्रियों को मुक्त कराया। इसी खुशी में लोगों ने घरों में दीप जलाए और तब से यह परंपरा छोटी दिवाली के रूप में जारी है।
पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
छोटी दिवाली 2024 का शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 30 अक्टूबर 2024 की दोपहर 1:04 बजे से होगा और इसका समापन अगले दिन 31 अक्टूबर की दोपहर 3:11 बजे पर होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर की शाम 4:36 बजे से लेकर 6:15 बजे तक रहेगा।
पूजा विधि: इस दिन तिल के तेल से स्नान करना शुभ माना जाता है, जिससे रूप और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद भगवान कृष्ण, यमदेव और हनुमान जी की पूजा की जाती है। हनुमान जी की पूजा का इस दिन विशेष महत्व है; पूजा के बाद हनुमान चालीसा और उनकी आरती करें, फिर उन्हें भोग लगाएं। शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर यम का एक दीपक, जिसे यम दीपक कहा जाता है, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है।
छोटी दिवाली का महत्व और आधुनिक संदर्भ
छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। साथ ही, यह दिन सौंदर्य, आयु और शक्ति प्राप्ति का भी माना जाता है। यह दिन कई जगह हनुमान जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। लोग इस दिन अपने घरों, दुकानों, और कार्यस्थलों की सफाई करते हैं, फूलों और लाइट से सजावट करते हैं और दीप जलाते हैं, जो बुराई के अंधकार को दूर कर खुशहाली का संदेश देता है।छोटी दिवाली का पर्व एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हर साल हमें जीवन में प्रकाश और शांति की आवश्यकता का स्मरण कराता है।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. Zoom News इसकी पुष्टि नहीं करता है.