देश / जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के बीच अमरनाथ गुफा के पास फटा बादल; सामने आया वीडियो

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के बीच अमरनाथ गुफा के पास बुधवार को बादल फटने की घटना रिपोर्ट हुई जिसका वीडियो सामने आया है। इस दुर्घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ है और एसडीआरएफ की 2 टीमें मौके पर मौजूद हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी गई हैं।

श्री नगर: देश के कई राज्यों में मॉनसून ने लोगों के नाम में दम कर रखा है. पानी देश के कई इलाकों में बहुत बड़ी परेशानी बनकर सामने आ रहा है. एक तरफ जहां पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अचानक पूरे क्षेत्र में सैलाब आ गया. वहीं जम्मू के किश्तवाड़ में भी आज तड़के बादल फटने के बाद 7 लोगों की मौत हो गई. इसी तरह हिमाचल प्रदेश के लाहौल में भी बादल फटने के बाद अचानक पानी का बहाव तेज हो गया. जिसके बाद मलबे और चट्टानों की वजह से सड़कें टूट गईं और नदी पर बना पुल भी बह गया. मसूरी के कैंप्टी फॉल की तस्वीर भी अहम है लगातार हो रही बारिश की वजह से पानी का प्रचंड प्रवाह देखने को मिला. जिसके बाद सैलानियों को वहां आने से रोक दिया गया है.

अमरनाथ के पवित्र गुफा के पास बादल फटने से हाहाकार मच गया. हालांकि अभी तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है. मौके पर SDRF यानी State Disaster Response Fund की एक टीम पहुंची. इस बीच गुंड और कांगन इलाके के लोगों से कहा गया है कि वो सिंधु नदी से दूर रहें क्योंकि बादल फटने के बाद नदी के पानी का स्तर बढ़ने की आशंका है.

सैलाब के कहर से 7 लोगों की मौत

बादल फटने के बाद ऐसा लगा जैसे सब कुछ बह गया. सैलाब में कई मकान बह गए. सैलाब के कहर से 7 लोगों की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए. जिनमें से 5 की हालत गंभीर है. किश्तवाड़ में बादल फटने की सूचना मिलते ही सेना और स्थानीय पुलिस पहुंच गई. SDRF की टीम ने वहां रह रहे लोगों का रेस्क्यू किया और 60 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया.

बादल फटने की खबर के बाद स्थानीय पुलिस एक्शन में आई गई है. फंसे हुए लोगों से सुऱक्षित स्थानों पर जाने की अपील करने लगी. यहां आपको ये भी जानना चाहिए कि आखिर बादल कैसे फटता है ? दरअसल, आसमानी चाल में रुकावट से ज्यादा नमी वाले बादल इकट्ठा हो जाते हैं और एक ही जगह पर कई लाख लीटर पानी एक साथ जमीन पर गिरता है, जिसे बादल फटना बोलते हैं. जल तांडव की ये तस्वीर हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति की है. जहां बादल फटा तो पहाड़ पानी पानी हो गया. सैलाब की शक्ल में ये पानी पत्थरों को अपने साथ बहाता नीचे उतरने लगा. रास्ते में जो कुछ आया सब सैलाब के साथ बहने लगा. कुदरत के इस प्रचंड अवतार को देख लोगों की चीखें निकलने लगी.

जलतांडव के कारण उदयपुर का केलांग से संपर्क कट गया

करीब आधे घंटे तक यहां जलतांडव चलता रहा और जब सैलाब गुजर गया तब तबाही और बर्बादी के मंजर साफ होने लगे. मलबे और चट्टानों की वजह से सड़कें टूट गईं. नदी पर बना पुल बह गया. जिस कारण उदयपुर का केलांग से संपर्क कट गया है. याद कीजिए ये वही कैंप्टी फॉल है, जहां कोरोना की गाइडलाइन को भूलकर लोग छुट्टियां मनाने पहुंच गए थे. शायद कुदरत अपने तरीके से अनुशासन सिखाती है. इस प्रचंड धारा के आगे किसकी हिम्मत होगी कि वो नियमों को तोड़े. वैसे कैंप्टी फॉल पर पर्यटरों की एंट्री बंद कर दी गई है.