Mahakumbh 2025 / CM योगी ने महाकुंभ में मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा का ऐलान किया

प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त किया और इसे एक सबक बताया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया। सीएम ने घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया और पुलिस जांच भी शुरू की।

Vikrant Shekhawat : Jan 29, 2025, 09:01 PM
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ ने एक बेहद दुखद मोड़ ले लिया, जब 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन, बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश के लिए एक गहरी चिंता का कारण बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और घटना की जिम्मेदारी लेते हुए पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भावुक बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना के बारे में चर्चा करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि यह हादसा बहुत ही दुखद है और हम सब के लिए यह एक गहरा सबक है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और उन्हें संजीवनी देने के लिए 25 लाख रुपए की सहायता की घोषणा की।

सीएम योगी ने बताया कि प्रशासन ने हादसे के बाद पूरे प्रयास किए कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जाए। उन्होंने कहा, "भारी भीड़ के कारण प्रयागराज के रास्ते बंद हो गए थे, लेकिन प्रशासन ने पूरी तत्परता से काम किया और रास्तों को खुलवाने में सफलता पाई।" उन्होंने यह भी बताया कि मेला प्राधिकरण ने अखाड़ों से स्नान स्थगित करने का अनुरोध किया, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इसके बाद स्नान दोपहर में शुरू हुआ और सभी श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया।

भारी भीड़ के कारण हुआ हादसा

सीएम योगी ने हादसे के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह दुर्घटना मुख्य रूप से भारी भीड़ के कारण हुई। उन्होंने बताया कि करीब 8 करोड़ श्रद्धालु इस दिन अमृत स्नान करने पहुंचे थे और प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं को सही तरीके से व्यवस्थित करने के लिए हर संभव प्रयास किए। इस दौरान प्रयागराज के आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया था और सभी अखाड़ों का स्नान होने के बाद ही अन्य लोगों को महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।

न्यायिक आयोग का गठन

मुख्यमंत्री ने घटना की निष्पक्ष और सटीक जांच के लिए एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया। इस आयोग की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार करेंगे, जबकि पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह को इसके सदस्य बनाया गया है। सीएम योगी ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा इस मामले की जांच अलग से की जाएगी, ताकि सभी पहलुओं पर गौर किया जा सके।

पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख की राहत

इस हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक श्रद्धालु के परिवार को 25-25 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राशि पीड़ित परिवारों को तत्काल दी जाएगी, ताकि वे इस कठिन समय में आर्थिक रूप से सहारा पा सकें। इसके अलावा, यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार घटनास्थल पर पहुंचेंगे और व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करेंगे।

निष्कर्ष

महाकुंभ की तरह के विशाल धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होना स्वाभाविक है, लेकिन ऐसे हादसों से निपटने के लिए प्रशासन को और अधिक चौकस और संवेदनशील होने की आवश्यकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा इस हादसे पर की गई कार्रवाई और जांच के आदेश इस बात को दर्शाते हैं कि राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। इस घटना से एक महत्वपूर्ण संदेश यह मिलता है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए भविष्य में बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की जरूरत है।