सहकारी समिति / राजस्थान में सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के हित में बड़ा फैसला, 9,18 एवं 27 वर्ष की सेवा पर मिलेगा चयनित वेतनमान का लाभ

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बुधवार को बताया कि सहकारी समितियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए व्यवस्थापकों एवं सहायक व्यवस्थापकों को 9, 18 एवं 27 वर्ष की सेवा पूरी करने पर चयनित वेतनमान का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने बताया की व्यवस्थापकों की यह मांग लगभग 25 वर्षो से लम्बित थी। जिसे अब पूरा कर लिया गया है।

Vikrant Shekhawat : Nov 04, 2020, 01:15 PM
जयपुर | सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बुधवार को बताया कि सहकारी समितियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए व्यवस्थापकों एवं सहायक व्यवस्थापकों को 9, 18 एवं 27 वर्ष की सेवा पूरी करने पर चयनित वेतनमान का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने बताया की व्यवस्थापकों की यह मांग लगभग 25 वर्षो से लम्बित थी। जिसे अब पूरा कर लिया गया है।

आंजना ने बताया कि व्यवस्थापकों के हित में लिये गये फैसले से सहकारी समितियों की कार्यप्रणाली बेहतर होगी और उपभोक्ताओं एवं किसानों को अच्छी सेवायें मिल सकेगी। उन्होंने बताया की राज्य सरकार के इस फैसले से लगभग 3000 सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों एवं सहायक व्यवस्थापकों को 9, 18 एवं 27 के चयनित वेतनमान का लाभ मिल सकेगा।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि चयनित वेतनमान का लाभ उन सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों एवं सहायक व्यवस्थापकों को मिलेगा ,जो सहकारी समितियां कम से कम विगत 3 वर्षों से निरन्तर लाभ व वर्तमान में भी संचित लाभ की स्थिति में हो, गत वित्तीय वर्ष में समिति ने नियमानुसार आवश्यक निधियों एवं कोष में आवश्यक अनतरण किये जाने के पश्चात तथा संस्था के सदस्यों को लाभांश दिये जाने के पश्चात भी लाभ की स्थिति में हो, समिति असंतुलन में नही हो तथा समिति का अद्यतन ऑडिट हो रहा हो।

रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि इस संबध में आदेश जारी कर दिये गये है। पात्र सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों को चयनित वेतनमान का लाभ मिलने से उन सहकारी समितियों को भी प्रेरणा मिलेगी ,जो हानि में चल रही है तथा असंतुलन में है, ऐसी समितियां अब अपने व्यवसाय में बढोतरी करेगी तथा नवाचार अपनाकर आमजन को बेहतर सेवायें देगी ताकि ये समितियां भी पात्र होने पर इन सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों एवं सहायक व्यवस्थापकों को भी 9, 18 एवं 27 के चयनित वेतनमान का लाभ मिल सके।