कृषि एवं सहकारिता की समीक्षा बैठक / एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में सब्सिडी के लिए किसानों को करें प्रोत्साहित -अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना का लाभ किसानों को प्राथमिकता के आधार दिलवाएं। उन्होंने कृषि तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को इस योजना के तहत बैंक से ऋण दिलाने में किसानों की सहायता करने तथा जिला स्तर पर अभियान चलाकर किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।

Vikrant Shekhawat : Aug 18, 2020, 11:02 PM
जयपुर | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना का लाभ किसानों को प्राथमिकता के आधार दिलवाएं। उन्होंने कृषि तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को इस योजना के तहत बैंक से ऋण दिलाने में किसानों की सहायता करने तथा जिला स्तर पर अभियान चलाकर किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। 

गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर कृषि, सहकारिता एवं अन्य विभागों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना से न केवल किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी बल्कि फसल उत्पादों मेें वैल्यू एडिशन होने से उनकी कीमत भी बढ़ेगी और स्थानीय स्तर पर कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इस योजना के तहत किसानों को कृषि प्रसंस्करण उद्योग लगाने पर एक करोड़ रूपये तक ऋण मिल सकता है जिस पर राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। 

क्रेडिट सोसायटी की धोखाधड़ी से लोगों को बचाने के लिए मैकेनिज्म तैयार करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों के द्वारा आम जनता को निवेश के नाम पर धोखा देकर उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई लूटने की शिकायतें चिंता का विषय हैं। उन्होंने अधिकारियों को ऎसा मैकेनिज्म तैयार करने के निर्देश दिए कि भविष्य में प्रदेश में ऎसी कोई भी को-ऑपेरटिव सोसायटी गरीब जनता को झांसे में नहीं ले सके। उन्हाेंने कहा कि आम जनता को ऎसी सोसायटियों से बचाने के लिए जागरूक करने की भी जरूरत है। 

बीमा प्रीमियम भुगतान के लिए कृषक कल्याण कोष से 250 करोड़ रूपए स्वीकृत

मुख्यमंत्री ने किसानों को रबी फसल वर्ष 2019-20 के बीमा क्लेम के शीघ्र भुगतान के लिए 250 करोड़ रूपए प्रीमियम कृषक कल्याण कोष से स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए। श्री गहलोत के इस निर्णय से लगभग 2.50 लाख किसानों को लगभग 750 करोड़ रूपए के बीमा क्लेम का जल्द से जल्द भुगतान किया जा सकेगा। उन्होंने विभिन्न जिलों में 3,723 डिग्गियों के निर्माण पर कृषक कल्याण कोष से 95.87 करोड़ रूपए के शीघ्र भुगतान के लिए निर्देश दिए। इस हेतु कृषक कल्याण कोष से भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

सहकारी संस्थाओं में 1,000 पदों पर भर्ती जल्द शुरू होगी

गहलोत ने कहा कि विभिन्न सहकारी संस्थाओं में 1,000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए। इसके लिए उन्होंने विभाग के सेवा एवं भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन 3 माह में पूरा कर भर्ती की अभ्यर्थना सहकारी भर्ती बोर्ड को भेजने के निर्देश दिए। 

कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड का अधिकाधिक लाभ किसानों को उपलब्ध करवाएं 

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, पैक्स, लैम्प्स आदि के माध्यम से किसानों को भारत सरकार द्वारा शुरू किए कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड का अधिकाधिक लाभ उपलब्ध कराने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया है। राजस्थान में इस फण्ड के तहत 9 हजार करोड़ रूपए आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है और नवगठित समिति इसकी क्रियान्विति की नियमित मॉनिटरिंग करेगी। 

मण्डी प्रांगण में किसानों के लिए सार्वजनिक सुविधाओं के लिए भूखण्डों का आवंटन

गहलोत ने राज्य की कृषि उपज मण्डी समितियों के प्रांगण में सार्वजनिक सुविधाओं के संचालन के लिए भूखण्डों का आवंटन करने का भी निर्णय लिया है। इन भूखण्डों पर मण्डी में किसानों के लिए सामुदायिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। 

सभी सहकारी भण्डारों के मेडिकल विक्रय केन्द्र ऑनलाइन होंगे

मुख्यमंत्री ने कॉनफेड एवं सहकारी उपभोक्ता भण्डारों में एकरूपता लाने तथा इनके माध्यम से दवाओं की पारदर्शी एवं समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 4.15 लाख पेंशनरों की सहुलियत के लिए सभी सहकारी भण्डारों के मेडिकल विक्रय केन्द्रों को ऑनलाइन किया जाएगा तथा उसे राज्य सरकार के ट्रेजरी एवं पेंशन विभाग से भी जोड़ा जाएगा। साथ ही, कॉनफेड एवं सहकारी उपभोक्ता भण्डारों के लिए दवाओं की खरीद भी केन्द्रीकृत व्यवस्था के तहत करने का निर्णय लिया गया। 

पशुपालकों को पशुधन के आधार पर अधिकाधिक केसीसी जारी होंगे

गहलोत ने राजस्थान के 5 लाख पशुपालक किसानों को पशुधन के आधार पर भी अधिकाधिक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी करने हेतु चलाए जा रहे अभियान की नियमित मॉनिटरिंग राज्य सरकार के स्तर पर राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी एवं आयोजना के माध्यम से की जाएगी। इस निर्णय से जमीन और पशुधन रखने वाले किसानों के लिए केसीसी की साख सीमा बढ़कर 3 लाख रूपए तक हो जाएगी। जिन किसानों के पास केवल पशु हैं, उन्हें 1.60 लाख रूपए की केसीसी साख सीमा तक ऋण दिया जाएगा। 

1,000 सहकारी समितियों को इसी वर्ष निजी गौण मण्डी का दर्जा

मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश की 1,000 नई ग्राम सेवा एवं क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को इसी वर्ष निजी गौण मण्डी का दर्जा देने का निर्णय के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी। ये मण्डियां पूर्व में घोषित 550 निजी गौण मण्डियों के अतिरिक्त हैं। साथ ही, शेष रही सहकारी समितियों को भी आगामी वर्षों में चरणबद्ध रूप से गौण मण्डी का दर्जा दिया जाएगा। इससे दूरस्थ गांवों में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो सकेगी।

खरीफ के लिए 23.91 लाख किसानों को 7343.71 करोड़ रूपये का ऋण

कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने बताया कि सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2019-2020 में 21.86 लाख कृषकों को 9541 करोड़ रूपये का अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण वितरित किया है। वर्ष 2020-21 में खरीफ सीजन के लिए 23.91 लाख किसानों को 7343.71 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है, इसमें 2.25 लाख नए कृषकों को 393.80 करोड़ रूपये का ऋण बांटा गया। उन्होंने बताया कि कोरोना को देखते प्रदेशभर में गौण मण्डियों के माध्यम से कृषि उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गई। विभिन्न जिलों में 430 गौण मण्डियों में 155.31 करोड़ रूपये की कृषि उपज खरीदी गई। 

टिड्डियों से बचाव के लिए पहले ही करें पुख्ता व्यवस्था

कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि प्रदेश में 5 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण के लिए दवा छिड़काव किया गया। इस वर्ष प्रदेश के 33 में से 32 जिलों में टिड्डियों का प्रकोप रहा, जिस पर कृषि विभाग ने स्थानीय लोगों, जिला प्रशासन तथा अन्य विभागों के साथ मिलकर काबू पाया है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में टिड्डियों के नए दलों के आक्रमण की आंशका है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टिड्डियां फिर से फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाए, इसके लिए पहले से ही पुख्ता व्यवस्था की जाए। समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, सहकारिता राज्यमंत्री टीकाराम जूली वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े। इस दौरान मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के सीएमडी पवन कुमार गोयल, रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानन्द अग्रवाल, प्रबंध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा, निदेशक कृषि विपणन बोर्ड ताराचन्द मीणा सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।