
- भारत,
- 21-Feb-2025 12:33 PM IST
कानून की रक्षा करने वालों से ही जब कानून हाथ में लिया जाए, तो सवाल उठना लाजमी है। ऐसा ही एक शर्मनाक वाकया गुरुवार दोपहर राजस्थान हाई कोर्ट के वीवीआईपी गेट के सामने देखने को मिला, जहां कुछ वकीलों ने एक कार चालक की बेरहमी से पिटाई कर दी। ट्रैफिक पुलिसकर्मी बार-बार "श्रीमान जी, मारपीट मत कीजिए" कहकर रोकने की कोशिश करते रहे, लेकिन वकीलों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। यह घटना कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि हकीकत में कानून के मंदिर के ठीक सामने घटी, जिसने न्याय व्यवस्था की साख पर सवाल खड़े कर दिए।
टक्कर से शुरू हुआ विवाद, बन गया हिंसा का खेलजानकारी के मुताबिक, यह घटना उस वक्त शुरू हुई जब बायलर्स डिपार्टमेंट में किराए पर लगी एक कार से एक वकील की कार में मामूली टक्कर हो गई। टक्कर के बाद चालक मुकेशचंद कुम्हार (32) ने अपनी गाड़ी रोककर स्थिति का जायजा लेना चाहा। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता, 2-3 वकीलों ने उस पर हमला बोल दिया। चालक को बैरिकेड्स पर गिरा दिया गया, जिससे उसके शरीर से खून बहने लगा। वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वकील नहीं रुके।
पुलिस की गुहार बेअसर, वायरलेस से मांगी मददप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिसकर्मी लगातार वकीलों से मारपीट न करने की अपील करते रहे। वायरलेस पर पुलिसकर्मियों ने अशोक नगर थाने को सूचना दी और अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया। वायरलेस संदेश में पुलिसकर्मियों की यह बात भी रिकॉर्ड हुई कि "आरएएस की भी पिटाई कर रहे हैं, जाब्ता जल्दी भेजो।" हालांकि, जब तक पुलिस का जाब्ता मौके पर पहुंचा, वकील वहां से जा चुके थे। अशोक नगर थानाधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि न तो चालक ने और न ही वकीलों ने इस मामले में कोई रिपोर्ट दर्ज कराई है।
चालक का बयान: "मैं तो सिर्फ गाड़ी देखने रुका था"पीड़ित चालक मुकेशचंद कुम्हार ने बताया कि वह मूल रूप से लबाना चंदवाजी, जयपुर का रहने वाला है और उसने अपनी कार झालाना डूंगरी स्थित कारखाना एवं बायलर्स डिपार्टमेंट में किराए पर लगा रखी है। घटना के दिन वह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को सचिवालय छोड़कर लौट रहा था। हाई कोर्ट के वीवीआईपी गेट के पास उसकी कार से एक वकील की कार में पीछे से हल्की टक्कर हो गई। मुकेश ने कहा, "मैंने गाड़ी रोककर देखना चाहा कि क्या हुआ, लेकिन तभी वकीलों ने मुझ पर हमला कर दिया।"
सवालों के घेरे में पुलिस और प्रशासनइस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। अगर हाई कोर्ट जैसे संवेदनशील इलाके में पुलिस इतनी बेबस नजर आएगी, तो आम सड़कों पर क्या हाल होगा? वकीलों की इस गुंडागर्दी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या इसलिए कि हमलावर वकील थे और पीड़ित एक आम चालक? पुलिस का कहना है कि शिकायत नहीं मिली, लेकिन क्या पुलिस अपने स्तर पर इस मामले में संज्ञान नहीं ले सकती थी? वायरल वीडियो इसका सबूत है कि घटना हुई, फिर भी कोई केस दर्ज न होना हैरानी की बात है।
टक्कर से शुरू हुआ विवाद, बन गया हिंसा का खेलजानकारी के मुताबिक, यह घटना उस वक्त शुरू हुई जब बायलर्स डिपार्टमेंट में किराए पर लगी एक कार से एक वकील की कार में मामूली टक्कर हो गई। टक्कर के बाद चालक मुकेशचंद कुम्हार (32) ने अपनी गाड़ी रोककर स्थिति का जायजा लेना चाहा। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ समझ पाता, 2-3 वकीलों ने उस पर हमला बोल दिया। चालक को बैरिकेड्स पर गिरा दिया गया, जिससे उसके शरीर से खून बहने लगा। वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वकील नहीं रुके।
पुलिस की गुहार बेअसर, वायरलेस से मांगी मददप्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैफिक पुलिसकर्मी लगातार वकीलों से मारपीट न करने की अपील करते रहे। वायरलेस पर पुलिसकर्मियों ने अशोक नगर थाने को सूचना दी और अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया। वायरलेस संदेश में पुलिसकर्मियों की यह बात भी रिकॉर्ड हुई कि "आरएएस की भी पिटाई कर रहे हैं, जाब्ता जल्दी भेजो।" हालांकि, जब तक पुलिस का जाब्ता मौके पर पहुंचा, वकील वहां से जा चुके थे। अशोक नगर थानाधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि न तो चालक ने और न ही वकीलों ने इस मामले में कोई रिपोर्ट दर्ज कराई है।
वीडियो वायरल, लोग हैरानइस घटना का वीडियो कुछ लोगों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वकील चालक को पीट रहे हैं, जबकि ट्रैफिक पुलिसकर्मी उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं। एक पुलिसकर्मी को यह कहते सुना जा सकता है, "ये भागकर नहीं जाएगा, इसके साथ मारपीट मत करो।" वीडियो में भीड़ जमा होती दिख रही है, लेकिन कोई भी वकीलों को रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। यह दृश्य न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि अगर वकील ही इस तरह व्यवहार करेंगे, तो आम आदमी का क्या होगा?वकील साहब को क्या हो गया?#Rajasthan pic.twitter.com/PtuHb1n4II
— Gaurav Dwivedi (@gauravkrdwivedi) February 20, 2025
चालक का बयान: "मैं तो सिर्फ गाड़ी देखने रुका था"पीड़ित चालक मुकेशचंद कुम्हार ने बताया कि वह मूल रूप से लबाना चंदवाजी, जयपुर का रहने वाला है और उसने अपनी कार झालाना डूंगरी स्थित कारखाना एवं बायलर्स डिपार्टमेंट में किराए पर लगा रखी है। घटना के दिन वह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को सचिवालय छोड़कर लौट रहा था। हाई कोर्ट के वीवीआईपी गेट के पास उसकी कार से एक वकील की कार में पीछे से हल्की टक्कर हो गई। मुकेश ने कहा, "मैंने गाड़ी रोककर देखना चाहा कि क्या हुआ, लेकिन तभी वकीलों ने मुझ पर हमला कर दिया।"
सवालों के घेरे में पुलिस और प्रशासनइस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। अगर हाई कोर्ट जैसे संवेदनशील इलाके में पुलिस इतनी बेबस नजर आएगी, तो आम सड़कों पर क्या हाल होगा? वकीलों की इस गुंडागर्दी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या इसलिए कि हमलावर वकील थे और पीड़ित एक आम चालक? पुलिस का कहना है कि शिकायत नहीं मिली, लेकिन क्या पुलिस अपने स्तर पर इस मामले में संज्ञान नहीं ले सकती थी? वायरल वीडियो इसका सबूत है कि घटना हुई, फिर भी कोई केस दर्ज न होना हैरानी की बात है।