Vikrant Shekhawat : Sep 19, 2024, 10:25 PM
Tirupati Balaji: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि होने के बाद एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। टीडीपी (तेलुगु देशम पार्टी) ने दावा किया है कि प्रसाद में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी का मिश्रण पाया गया है। गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार, लड्डू बनाने में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें गोमांस की चर्बी, मछली का तेल और ताड़ का तेल शामिल हैं।लैब रिपोर्ट में क्या आया सामने?टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने संवाददाताओं के सामने प्रयोगशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें स्पष्ट रूप से "गोमांस की चर्बी" की मौजूदगी की पुष्टि की गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नमूनों में सूअर की चर्बी और मछली के तेल का भी उपयोग किया गया था। यह परीक्षण नौ जुलाई 2024 को किए गए थे, और रिपोर्ट 16 जुलाई को आई।गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की इस प्रयोगशाला ने पाया कि वाईएसआरसीपी के शासनकाल में तिरुपति लड्डू बनाने में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था।आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजारहालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की ओर से इस रिपोर्ट की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।राजनीतिक प्रतिक्रियाएंआंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया था कि वाईएसआरसीपी सरकार ने तिरुपति लड्डू बनाने में घटिया सामग्री का उपयोग किया। इस आरोप का वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने जोरदार खंडन किया है।बीजेपी ने इस रिपोर्ट के बाद त्वरित कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी नेता बंदी संजय कुमार ने कहा कि "हिंदुओं के साथ इस बड़े विश्वासघात के लिए भगवान माफ नहीं करेंगे।" वहीं, विधायक राजा सिंह ने इसे "हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर सीधा हमला" बताया और सरकार से कार्रवाई की अपील की।धार्मिक आस्था पर प्रभावइस विवाद ने तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था को हिला दिया है। तिरुपति लड्डू, जो लाखों भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रसाद है, अब सवालों के घेरे में आ गया है।जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी और अधिक विवरण सामने आएंगे, यह देखना होगा कि इस विवाद का अंत क्या होगा और श्रद्धालुओं की आस्था पर इसका क्या असर पड़ेगा। तिरुपति मंदिर की प्रतिष्ठा और भक्ति पर आधारित परंपराएं इस मामले के समाधान की प्रतीक्षा कर रही हैं।