Vikrant Shekhawat : Jun 06, 2021, 06:55 AM
वॉशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) के चीन (China) के लैब से लीक होने की बात सबसे पहले कहने वाली चीनी महामारी रोग विशेषज्ञ (वायरोलॉजिस्ट) ने कहा है कि अमेरिका के शीर्ष कोरोना वायरस सलाहकार एंथनी फाउची के ईमेल से उसके दावों की पुष्टि होती है। दरअसल चीन की वायरोलॉजिस्ट लगातार ये दोहराती रही हैं कि कोरोना वायरस चीन के लैब से निकला है। दरअसल कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अमेरिका में फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन के तहत इस हफ्ते मीडिया को डॉ। फाउची के ईमेल बड़ी संख्या में जारी किए गए हैं।
पिछले साल अप्रैल में भेजे एक मेल में एक हेल्थ चैरिटी का एक्जीक्यूटिव डॉ। फाउची को इस बात के लिए शुक्रिया अदा करता है कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह बात कही कि वैज्ञानिक सबूत कोरोना वायरस के लैब से लीक होने की पुष्टि नहीं करते हैं। चीन की डॉक्टर ली-मेंग यान दुनिया भर के वैज्ञानिकों में पहली थीं, जिन्होंने कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में रिसर्च किया और जानकारी दी। न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ली मेंग को बाद में अपने खुलासे के लिए छिपना पड़ा।लैब लीक थियरी पर फोकस रिटर्नअब एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय नेता वुहान लैब लीक थियरी पर फोकस कर रहे हैं। डॉ। ली-मेंग ने न्यूजमैक्स के साथ कहा कि फाउची के ईमेल में बहुत सारी जानकारियां हैं और इससे पता चलता है कि फॉउची ने जितना बताया है, उससे कहीं ज्यादा जानते हैं। इस सप्ताह जारी हुए फाउची के ईमेल सामग्री पर बोलते हुए ली-मेंग ने कहा, "वे लोग हमेशा से मेरे काम की पुष्टि करत रहे हैं, यहां तक कि पिछले साल जनवरी से ऐसा चला आ रहा है। अब साबित हो गया है कि इन लोगों को सबकुछ पता था। लेकिन, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और अपने फायदे के लिए इन्होंने सबकुछ छुपाया।"ली मेंग ने कहा कि डॉ। फाउची को सब पता था और यह भी कि शहर के बीच वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च कर रहा है। ये वही वुहान शहर है, जहां पहली बार कोरोना वायरस फैला। उन्होंने कहा कि एक ईमेल के मुताबिक, 'डॉ। फाउची को पिछले साल एक फरवरी को अचानक अहसास हुआ था कि कोरोना वायरस में गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च भी शामिल हो सकती है।'तीन मीडिया संस्थानों ने मांगे फाउची के ईमेलबता दें कि फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के जरिए वॉशिंगटन पोस्ट, बजफीड न्यूज और सीएनएन ने 3 हजार से ज्यादा पेज के ईमेल अमेरिकी सरकार से हासिल किए हैं, ये ईमेल-जनवरी से जून 2020 तक के हैं। इन ईमेल दस्तावेजों के जारी होने के बाद अमेरिका में इस बात की बहस छिड़ गई है कि क्या डॉ। फाउची सबकुछ जानते हुए भी चुप रहे।फॉउची के ईमेल में अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की शुरुआत के बारे में जिक्र है। डॉ। फाउची और उनके सहयोगियों ने शुरू में ही वायरस का अंदाजा लगा लिया था और यह भी कि हो सकता है कि वायरस चीन के वुहान स्थित लैब से लीक हुआ हो। सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में फॉउची ने कहा कि उनके ईमेल को संदर्भ से हटाकर पेश किया जा रहा है और अब भी वायरस की उत्पत्ति को लेकर उनके विचार खुले हैं।उन्होंने कहा कि जहां तक लैब लीक की बात है, "मुझे नहीं लगता कि वायरस को वुहान की लैबोरेट्री से लीक किया गया है।"
पिछले साल अप्रैल में भेजे एक मेल में एक हेल्थ चैरिटी का एक्जीक्यूटिव डॉ। फाउची को इस बात के लिए शुक्रिया अदा करता है कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह बात कही कि वैज्ञानिक सबूत कोरोना वायरस के लैब से लीक होने की पुष्टि नहीं करते हैं। चीन की डॉक्टर ली-मेंग यान दुनिया भर के वैज्ञानिकों में पहली थीं, जिन्होंने कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में रिसर्च किया और जानकारी दी। न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ली मेंग को बाद में अपने खुलासे के लिए छिपना पड़ा।लैब लीक थियरी पर फोकस रिटर्नअब एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय नेता वुहान लैब लीक थियरी पर फोकस कर रहे हैं। डॉ। ली-मेंग ने न्यूजमैक्स के साथ कहा कि फाउची के ईमेल में बहुत सारी जानकारियां हैं और इससे पता चलता है कि फॉउची ने जितना बताया है, उससे कहीं ज्यादा जानते हैं। इस सप्ताह जारी हुए फाउची के ईमेल सामग्री पर बोलते हुए ली-मेंग ने कहा, "वे लोग हमेशा से मेरे काम की पुष्टि करत रहे हैं, यहां तक कि पिछले साल जनवरी से ऐसा चला आ रहा है। अब साबित हो गया है कि इन लोगों को सबकुछ पता था। लेकिन, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और अपने फायदे के लिए इन्होंने सबकुछ छुपाया।"ली मेंग ने कहा कि डॉ। फाउची को सब पता था और यह भी कि शहर के बीच वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च कर रहा है। ये वही वुहान शहर है, जहां पहली बार कोरोना वायरस फैला। उन्होंने कहा कि एक ईमेल के मुताबिक, 'डॉ। फाउची को पिछले साल एक फरवरी को अचानक अहसास हुआ था कि कोरोना वायरस में गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च भी शामिल हो सकती है।'तीन मीडिया संस्थानों ने मांगे फाउची के ईमेलबता दें कि फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के जरिए वॉशिंगटन पोस्ट, बजफीड न्यूज और सीएनएन ने 3 हजार से ज्यादा पेज के ईमेल अमेरिकी सरकार से हासिल किए हैं, ये ईमेल-जनवरी से जून 2020 तक के हैं। इन ईमेल दस्तावेजों के जारी होने के बाद अमेरिका में इस बात की बहस छिड़ गई है कि क्या डॉ। फाउची सबकुछ जानते हुए भी चुप रहे।फॉउची के ईमेल में अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की शुरुआत के बारे में जिक्र है। डॉ। फाउची और उनके सहयोगियों ने शुरू में ही वायरस का अंदाजा लगा लिया था और यह भी कि हो सकता है कि वायरस चीन के वुहान स्थित लैब से लीक हुआ हो। सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में फॉउची ने कहा कि उनके ईमेल को संदर्भ से हटाकर पेश किया जा रहा है और अब भी वायरस की उत्पत्ति को लेकर उनके विचार खुले हैं।उन्होंने कहा कि जहां तक लैब लीक की बात है, "मुझे नहीं लगता कि वायरस को वुहान की लैबोरेट्री से लीक किया गया है।"