AajTak : Apr 04, 2020, 04:25 PM
दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। इस फैसले की वजह से लोग एहतियातन अपने घरों में कैद हो गए हैं। सरकार भी लोगों से अपील कर रही है कि वो घरों से बाहर न निकलें ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। ऐसे में गरीबों की पेट पर आफत पड़ गई है और वो दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं।
भुखमरी की ऐसी ही दो तस्वीरें बिहार के भागलपुर से सामने आई हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ऐसा लगता है कि लॉकडाउन की वजह से पेट पालने को लेकर जो चुनौती पैदा हुई है, उससे मानव और जानवर के बीच का अंतर भी मिट गया है।दरअसल, भागलपुर में सड़क के किनारे रोटी का एक टुकड़ा पड़ा हुआ था। उस रोटी के टुकड़े को खाने के लिए जैसे ही एक कुत्ता वहां पहुंचता है तभी वहां दो महिलाएं आ जाती हैं। दोनों महिलाएं कुत्ते को वहां से भगाकर उस रोटी के टुकड़े को उठा लेती हैं।ये पूरा वाकया वहीं पास में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जिस किसी ने भी इस वीडियो को देखा वो कांप गया। गरीबों पर भोजन का ऐसा संकट छाया है कि अब सड़क पर फेंके गए खाने को भी गरीब उठाने लगे हैं।वहीं भुखमरी की दूसरी कहानी भी भागलपुर से ही है, जहां तीन अनाथ बहनों को पेट की आग बुझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगानी पड़ी।दरअसल कोरोना वायरस की वजह से जो लॉकडाउन हुआ उससे भागलपुर में एक गरीब परिवार की रोजी-रोटी छिन गई। एक अनाथ परिवार की तीन बहनें दूसरों के घरों में काम कर अपना पेट पालती थीं। लॉकडाउन की वजह से उनका काम छूट गया और वो तीनों बहनें भुखमरी की कगार पर पहुंच गईं।तीन दिनों से भूखी प्यासी रहने के बाद तीनों बहनों को समझ नहीं आ रहा था कि वो मदद की गुहार किससे लगाएं। इसी बीच उन्हें अखबार में पीएमओ का नंबर दिखा। बड़ी बहन गीता ने उस नंबर पर फोन कर अधिकारियों को तीन दिन से भूखे होने की जानकारी दी।पीएमओ से स्थानीय प्रशासन को फोन आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया। भागलपुर के जगदीशपुर अंचल के सीओ ने आपदा विभाग को फौरन इसकी जानकारी दी, जिसके बाद अधिकारी राशन-खाना लेकर दौड़े-दौड़े तीनों बहनों के घर पहुंचे।
भुखमरी की ऐसी ही दो तस्वीरें बिहार के भागलपुर से सामने आई हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ऐसा लगता है कि लॉकडाउन की वजह से पेट पालने को लेकर जो चुनौती पैदा हुई है, उससे मानव और जानवर के बीच का अंतर भी मिट गया है।दरअसल, भागलपुर में सड़क के किनारे रोटी का एक टुकड़ा पड़ा हुआ था। उस रोटी के टुकड़े को खाने के लिए जैसे ही एक कुत्ता वहां पहुंचता है तभी वहां दो महिलाएं आ जाती हैं। दोनों महिलाएं कुत्ते को वहां से भगाकर उस रोटी के टुकड़े को उठा लेती हैं।ये पूरा वाकया वहीं पास में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जिस किसी ने भी इस वीडियो को देखा वो कांप गया। गरीबों पर भोजन का ऐसा संकट छाया है कि अब सड़क पर फेंके गए खाने को भी गरीब उठाने लगे हैं।वहीं भुखमरी की दूसरी कहानी भी भागलपुर से ही है, जहां तीन अनाथ बहनों को पेट की आग बुझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगानी पड़ी।दरअसल कोरोना वायरस की वजह से जो लॉकडाउन हुआ उससे भागलपुर में एक गरीब परिवार की रोजी-रोटी छिन गई। एक अनाथ परिवार की तीन बहनें दूसरों के घरों में काम कर अपना पेट पालती थीं। लॉकडाउन की वजह से उनका काम छूट गया और वो तीनों बहनें भुखमरी की कगार पर पहुंच गईं।तीन दिनों से भूखी प्यासी रहने के बाद तीनों बहनों को समझ नहीं आ रहा था कि वो मदद की गुहार किससे लगाएं। इसी बीच उन्हें अखबार में पीएमओ का नंबर दिखा। बड़ी बहन गीता ने उस नंबर पर फोन कर अधिकारियों को तीन दिन से भूखे होने की जानकारी दी।पीएमओ से स्थानीय प्रशासन को फोन आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया। भागलपुर के जगदीशपुर अंचल के सीओ ने आपदा विभाग को फौरन इसकी जानकारी दी, जिसके बाद अधिकारी राशन-खाना लेकर दौड़े-दौड़े तीनों बहनों के घर पहुंचे।