NavBharat Times : Jul 17, 2020, 08:52 AM
Covid19: कोरोना वायरस से जूझते हुए दुनिया को करीब 7 महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक इससे जुड़े कई सवाल रिसर्चर्स के सामने हैं। एशिया पैसिफिक में इन्फेक्शन अब तेजी पकड़ रहा है और चिंता की बात यह है कि सरकारों को यह समझ नहीं आ रहा कि वायरस फैल कैसे रहे है। बड़ी संख्या में ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिनके दूसरे मरीजों से संपर्क नहीं और न ही किसी हॉटस्पॉट पर हों। ऐसे में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि ट्रांसमिशन के कुछ छिपे हुए लिंक हैं जिन्हें समझा जाना है। ऐसे हालात का सामना कर रहे ऑस्ट्रेलिया और हॉन्ग-कॉन्ग जैसे देश वापस लॉकडाउन के लिए मजबूर हैं।
ऑस्ट्रेलियाकोरोना वायरस इन्फेक्शन की नई वेव आने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 6 हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां भी 51% मामले ऐसे हैं जहां वायरस के स्रोत का पता नहीं है। इन्फेक्शन सिडनी भी पहुंच रहा है जिससे डर है कि कहीं ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा शहर नया हॉटस्पॉट न बन जाए। लॉकडाउन के चलते 3000 लोगों को बिना टेस्ट घर से निकलने से रोक दिया गया। इससे पहले ऐसा कदम सिर्फ चीन के वुहान में उठाया गया था जहां कोरोना वायरस इन्फेक्शन सबसे पहले फैला था।
जापानएक महीने पहले तक जापान में ऐसे मामले 20% थे जहां इन्फेक्शन का स्रोत नहीं पता था। इसके आधार पर सरकार ने ज्यादा कड़े कदम नहीं उठाए और इकॉनमी को वापस शुरू कर दिया। हालांकि, अब ऐसे मामले 45% पर पहुंच गए हैं जिसके बाद देश में नाइटक्लब्स को चेतावनी दी है कि अगर गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया गया तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा। जापान में सरकार कानूनन बिजनस बंद नहीं कर सकती। टोक्यो में बुधवार को अलर्ट स्केल सबसे ज्यादा 4 पर पहुंचा दिया गया और लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
हॉन्ग कॉन्गएक बार वायरस से निजात मिलता देख हॉन्ग-कॉन्ग ने लॉकडाउन हटा दिया था। हालांकि, तीन महीने बाद ही दोबारा बढ़े हुए मामले देखकर आशंका जताई जा रही है कि यह पहले से भी ज्यादा विकराल होने वाला है। नए मामलों में आधे से ज्यादा ऐसे हैं जहां वायरस के स्रोत का पता नहीं है। ऐसे में यहां स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है, जिम, बार और बीच बंद कर दिए गए हैं। 4 लोगों से ज्यादा को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क न पहनने वालों पर 645 डॉलर तक का जुर्माना ठोका जा रहा है।
ऑस्ट्रेलियाकोरोना वायरस इन्फेक्शन की नई वेव आने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 6 हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। यहां भी 51% मामले ऐसे हैं जहां वायरस के स्रोत का पता नहीं है। इन्फेक्शन सिडनी भी पहुंच रहा है जिससे डर है कि कहीं ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा शहर नया हॉटस्पॉट न बन जाए। लॉकडाउन के चलते 3000 लोगों को बिना टेस्ट घर से निकलने से रोक दिया गया। इससे पहले ऐसा कदम सिर्फ चीन के वुहान में उठाया गया था जहां कोरोना वायरस इन्फेक्शन सबसे पहले फैला था।
जापानएक महीने पहले तक जापान में ऐसे मामले 20% थे जहां इन्फेक्शन का स्रोत नहीं पता था। इसके आधार पर सरकार ने ज्यादा कड़े कदम नहीं उठाए और इकॉनमी को वापस शुरू कर दिया। हालांकि, अब ऐसे मामले 45% पर पहुंच गए हैं जिसके बाद देश में नाइटक्लब्स को चेतावनी दी है कि अगर गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया गया तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा। जापान में सरकार कानूनन बिजनस बंद नहीं कर सकती। टोक्यो में बुधवार को अलर्ट स्केल सबसे ज्यादा 4 पर पहुंचा दिया गया और लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
हॉन्ग कॉन्गएक बार वायरस से निजात मिलता देख हॉन्ग-कॉन्ग ने लॉकडाउन हटा दिया था। हालांकि, तीन महीने बाद ही दोबारा बढ़े हुए मामले देखकर आशंका जताई जा रही है कि यह पहले से भी ज्यादा विकराल होने वाला है। नए मामलों में आधे से ज्यादा ऐसे हैं जहां वायरस के स्रोत का पता नहीं है। ऐसे में यहां स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है, जिम, बार और बीच बंद कर दिए गए हैं। 4 लोगों से ज्यादा को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क न पहनने वालों पर 645 डॉलर तक का जुर्माना ठोका जा रहा है।