Vikrant Shekhawat : May 29, 2021, 06:37 AM
GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अगुवाई में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक हुई. करीब 8 महीने बाद हुई काउंसिल की बैठक में 7 अहम फैसले लिए गए. बैठक में छोटे कोरोबारियों को कंप्लायंस में ढील दी गई है. वहीं कोरोना और ब्लैक फंगस की चुनौती को देखते हुए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. कोरोना से जुड़ी राहत सामग्री पर छूट (Relief on Corona related materials)वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड से जुड़ी राहत सामग्रियों पर दी गई कर छूट 31 अगस्त 2021 तक के लिए बढ़ा दी गई है. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसके इलाज में काम आने वाली दवा एंपोटेरिसिन-बी (Amphotericin B) को भी कर से छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची में शामिल किया गया है. इसके अलावा कोविड से जुड़ी राहत सामग्रियों के आयात पर IGST छूट को भी बढ़ाकर 31 अगस्त 2021 बढ़ा दिया है. छोटे और मध्यम कारोबारियों को राहत (Relief to Small and Medium Businessmen)वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी रिटर्न में देरी पर लेट फीस में कमी की गई है. अमनेस्टी स्कीम के तहत छोटे और मध्यम आकार के कारोबारियों को राहत मिलेगी उन्होंने कहा कि जिन कारोबारियों ने रिटर्न नहीं भरा है, वे अमनेस्टी स्कीम का फायदा उठाते हुए कम लेट फीस के साथ रिटर्न फाइल कर सकते हैं. छोटे कारोबारियों के लिए लेट फीस में बदलाव और अधिकतम लेट फीस में कमी करने का फैसला भविष्य में टैक्स फाइलिंग पर लागू होगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे छोटे कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी.वहीं राज्यों को जीएसटी से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र 1.58 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगा. राज्यों को 2022 से आगे मुआवजे के भुगतान पर विचार के लिए जीएसटी परिषद विशेष सत्र का आयोजन करेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परिषद की बैठक के बाद बताया कि चिकित्सा सामग्री और टीके पर कर ढांचे को लेकर मंत्रियों का समूह विचार करेगा. वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 43वीं बैठक का आयोजन शुक्रवार को वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुआ. परिषद में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और प्रतिनिधि शामिल हैं. जीएसटी व्यवस्था लागू होने के समय शुरू की गई उपकर व्यवस्था के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2022 के बाद भी उपकर व्यवस्था को लागू रखने के मुद्दे पर विचार करने के लिये जीएसटी परिषद का एक विशेष सत्र बुलाया जायेगा जिसमें सिर्फ इसी बारे में चर्चा होगी.दरअसल जुलाई 2017 में जीएसटी व्यवस्था लागू करते समय राज्यों को पांच साल तक उनकी राजस्व में आने वाली कमी की भरपाई के लिये कुछ खास वस्तुओं पर उपकर लगाने की व्यवस्था शुरू की गई थी. उपकर से मिलने वाली राशि को राज्यों को उनके राजस्व भरपाई के लिये जारी किया जाता है. परिषद की आज की बैठक में छोटे करदाताओं को माफी योजना के जरिये देरी से रिटर्न फाइल करने पर राहत की घोषणा की गई है.