दिल्ली / रेसलर की हत्या के मामले में सुशील कुमार को 9 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

रेसलर सागर राणा की हत्या के मामले में दिल्ली की एक कोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को 9 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस कुमार की रिमांड 3 दिन बढ़वाना चाहती थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, कुमार की रिमांड बढ़ाने के लिए पुलिस के पास कोई नया आधार नहीं है।

Vikrant Shekhawat : Jun 03, 2021, 10:22 AM
नई दिल्ली: पहलवान सागर धनकड़ हत्याकांड मामले में आरोपी ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार व अजय बक्करवाला की रिमांड अवधि तीन दिन बढ़ाने की मांग को अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा पुलिस पहले ही आरोपियों को दस दिन रिमांड पर रख चुकी है। पुलिस के पास इन दोनों आरोपियोंं को रिमांड पर लेने का कोई नया आधार नहीं है। पुरानी रटी-रटाई दलीलों पर फिर से तीन दिन की रिमांड मांग रही है जोकि जायज नहीं है। वहीं, अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 9 दिन की न्यायिक हिरासत मेंं जेल भेजने के निर्देश दिए।

रोहिणी स्थित ड्यूटी मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता की अदालत में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपी सुशील कुमार व अजय बक्करवाला को पेश किया। अतिरिक्त लोक अभियोजक राघव खुराना व अतुल कुमार श्रीवास्तव ने इन दोनों आरोपियों की रिमांड अवधि तीन दिन और बढ़ाने की दलील पेश करते हुए कहा कि आरोपियों के मोबाइल फोन, घटना के समय पहने गए कपड़े, सुशील कुमार के घर बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर व घटना में प्रयुक्त डंडा बरामद करना है। साथ ही अभी कई और आरोपियों की गिरफ्तारी इनकी निशानदेही पर करनी है।

अतिरिक्त लोक अभियोजक ने अदालत के समक्ष कहा कि आरोपी एक गिरोह चलाते हैं इस गिरोह के आठ आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। बाकी को पकड़ना है। वहीं, पीड़ितों के वकील नीतिन वशिष्ठ ने कहा कि एक होनहार पहलवान ने इस घटना में अपनी जान गंवाई है जबकि दो युवा पहलवान जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए सबूतों का जुटाना जरुरी है।

सुशील के वकील ने कहा पुलिस के पास पुख्ता आधार नहीं

पुलिस की इस दलील का आरोपी सुशील कुमार के वकील प्रदीप राणा ने विरोध किया। अधिवक्ता प्रदीप राणा ने कहा कि इन्हीं सामान की बरामदगी के लिए पुलिस उनकेे मुवक्किल व सहआरोपी को पहले छह दिन और फिर चार दिन के लिए रिमांड पर ले चुकी है। कुल मिलाकर दस दिन में पुलिस यह मामूली से सामान बरामद नहीं करा पाई। अब तीन दिन में पुलिस क्या विशेष करेगी। उन्होंने सीआरपीसी व पंजाब पुलिस नियम का हवाला देते हुए कहा कि बगैर किसी नए तथ्य व आधार केे पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेने का अधिकार नहीं रखती है।

अदालत ने कहा तकनीकी आधार पर रिमांड नहीं बनती

अदालत ने इस मामले में अभियोजन व बचाव पक्ष को सुनने के बाद कहा कि निर्धारित कानून व तकनीकी आधार पर अब आरोपी सुशील व अजय को रिमांड पर देने का कोई तर्क नहीं बनता। अदालत ने कहा कि यह पहले ही साफ हो चुका है कि पुलिस इन आरोपियों कोउनके मोबाइल बरामद कराने के लिए पंजाब के भठिंडा लेकर गई थी। जबकि डीवीआर व उनके कपड़े बरामद कराने के लिए हरिद्धार ले जाया गया था। फिर भी पुलिस की तीसरी बार रिमांड याचिका न्यायसंगत नहीं है। इसलिए आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है।

अजीब-अजीब हरकतें कर रहा है सुशील: पुलिस

अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि पिछले दस दिन में रिमांड के दौरान सुशाील कुमार उर्फ पहलवान अजीब-अजीब हरकतें कर रहा है। कभी वह बैठे-बैठे रोने लगता है। कभी कहता है कि उसने अपना सब कुछ बर्बाद कर दिया। फिर कभी मुस्कुराने लगता है और जांच अधिकारियों से कहता है कि चलों में सारा सामान बरामद कराता हूं, ले चलों मुझे और फिर अचानक फूट-फूट कर रोने लगता है। सरकारी वकील का कहना था कि पुलिस उसकेे इस व्यवहार से बहुत परेशान आ गई है। सरकारी वकील ने उस वीडियो का जिक्र भी किया जो घटना के समय बनाया गया था। उनका कहना था कि सुशील ने खुद कहकर यह वीडियो बनवाया था जिसमें वह कह रहा है कि वह कुछ भी कर सकता है। इससे उसकी हिमाकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।