दिल्ली / सीबीआई अफसर बनकर ठगी करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीबीआई का अधिकारी बनकर ठगी करने वाले 'ईरानी गैंग' के 5 सदस्यों को झांसी (यूपी) में ट्रेन से गिरफ्तार किया है। बकौल पुलिस, उनके पास 3 सोने की चेन, 8 मोबाइल, 2 टॉर्च और सीबीआई के 5 फर्ज़ी पहचान पत्र बरामद हुए हैं। खबरों के मुताबिक, इस गैंग के सदस्यों पर 25 से अधिक मामले दर्ज हैं।

Vikrant Shekhawat : Aug 08, 2021, 05:54 PM
Irani Gang Arrested: दिल्ली के करोल बाग थाना पुलिस ने सीबीआई का 4G अधिकारी बनकर लोगों के साथ ठगी व लूटपाट करने वाले ईरानी गैंग के 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने तीन सोने की चेन, 8 मोबाइल फोन, दो टॉर्च और सीबीआई के 5 फर्जी आइडेंटिटी कार्ड बरामद किए हैं. 

आरोपियों के नाम मोहम्मद अली उर्फ मोहम्मद साबिर हुसैन, मोहम्मद काबली उर्फ इमरान, अनवर अली, शौकत अली जाफरी और मुख्तियार हुसैन है. पांचों आरोपी भोपाल और मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. इस गैंग के सदस्यों के खिलाफ 25 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. ये गैंग दिल्ली के अलावा यूपी, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में भी वारदात को अंजाम दे चुका है. 

क्या है मामला

मध्य जिला के डीसीपी जसमीत सिंह ने बताया कि 27 जून 2021 के दिन करोल बाग इलाके में एक ज्वेलरी शोरूम के कर्मचारी से 4 से 5 लोगों ने लगभग 300 ग्राम वजन की सोने की कुछ चेन ठग ली थीं. कर्मचारी चेन लेकर कहीं जा रहा था, रास्ते में 4 से 5 लोगों ने उसे रोका और खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया. फिर चेकिंग के नाम पर उसके बैग से सोने की चेन चुरा लीं. पुलिस ने इस सम्बंध में एफआईआर दर्ज कर ली. 

एक किलोमीटर के दायरे में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली

पुलिस का कहना है कि जिस जगह पर अपराध को अंजाम दिया था, वहां के 1 किलोमीटर के दायरे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला गया. इस दौरान कुछ चेहरे सामने आए और फिर डोसियर की मदद से ये खुलासा हुआ कि इस अपराध को अंजाम देने वाले ईरानी गैंग के बदमाश हैं, जिन्होंने 2021 में ही करोल बाग थाना क्षेत्र के अंदर ही दो और वारदातों को अंजाम दिया है. इन वारदातों के दौरान उन्होंने 12 लाख 50 हजार रुपए और दो लाख रुपये पर हाथ साफ किया था. 

ट्रेन से हुई गिरफ्तारी

पुलिस का कहना है कि डोजियर आदि की मदद से ये स्पष्ट हो गया कि इस वारदात को अंजाम देने वाले ईरानी गैंग के बदमाश हैं. जांच के दौरान ही मालूम हुआ कि आरोपी भोपाल मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं, जिसके बाद पुलिस की एक टीम भोपाल के लिए रवाना की गई. वहां पुलिस टीम पहुंची तो पाया कि बदमाश अब दूसरी जगह रहते हैं. पूछताछ और छानबीन के बाद उनका असली पता भी मालूम चला. इसी दौरान ये भी पता चला कि बदमाश ट्रेन के माध्यम से कहीं जा रहे हैं, जिसके बाद पुलिस टीम ने आईआरसीटीसी के माध्यम से उनकी यात्रा की जानकारी हासिल की और फिर ट्रेन को झांसी, यूपी मे रुकवा बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद इन पांचों को दिल्ली लाया गया. 

स्पेशल 26 की तर्ज पर देते थे वारदात को अंजाम

पुलिस का कहना है कि ये लोग स्पेशल 26 मूवी की तर्ज पर वारदात को अंजाम देते थे. इन पांचों के पास से सीबीआई के फर्जी आई कार्ड बरामद किए गए हैं. ये लोग करोल बाग आदि जैसे बड़ी मार्केट में सक्रिय रहते और खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर किसी व्यक्ति को रोकने के बाद उसके बैग की तलाशी लेते और इसी तलाशी के दौरान उसके बैग में रखा नगद या फिर कीमती वस्तु को चोरी कर लेते थे. 

टॉर्च मारकर शिकार की पहचान करते थे

पुलिस का कहना है कि अनवर इस गैंग का सरगना है. वह शिकार को अंदाजे से चिन्हित करता था और फिर उस पर टॉर्च से लाइट मारता था. जिसके बाद उसके साथी समझ जाते थे कि उनका टारगेट कौन है और फिर उस व्यक्ति को रोककर उसे सीबीआई का डर दिखाकर उसके सामान की तलाशी लेकर उसका माल चुरा लिया जाता था. 

पूर्वज ईरान से आये थे, इसलिए ईरानी गैंग कहा जाता है

पुलिस का कहना है कि पांचों आरोपियों के पूर्वज ईरान से दशकों पहले भारत आए थे. इसलिए इन लोगों को ईरानी कहा जाता है और यही वजह है कि यह ईरानी गैंग के नाम से जाना जाता है.