MP Election 2023 / कांग्रेस पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर तकरार! कमलनाथ के बयान से मचा बवाल

मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस भले ही जीत का दावा कर रही है, लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर चुनौती कम नहीं है. मंगलवार को दिल्ली वॉर रूम में स्क्रीनिंग कमेटी की हुई बैठक एमपी के दिग्गज कांग्रेसी नेता आपस में टकरा गए. सूत्रों के मुताबिक विवाद तब शुरू हुआ जब कमलनाथ-दिग्विजय सिंह गुट के सामने बाकी नेताओं ने क्षेत्रवार टिकट बंटवारे की मांग उठा दी. कांग्रेस की चुनावी रणनीति से जुड़ी ज्यादातर बैठकें वॉर रूम में होती हैं

Vikrant Shekhawat : Oct 04, 2023, 07:52 AM
MP Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस भले ही जीत का दावा कर रही है, लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर चुनौती कम नहीं है. मंगलवार को दिल्ली वॉर रूम में स्क्रीनिंग कमेटी की हुई बैठक एमपी के दिग्गज कांग्रेसी नेता आपस में टकरा गए. सूत्रों के मुताबिक विवाद तब शुरू हुआ जब कमलनाथ-दिग्विजय सिंह गुट के सामने बाकी नेताओं ने क्षेत्रवार टिकट बंटवारे की मांग उठा दी.

कांग्रेस की चुनावी रणनीति से जुड़ी ज्यादातर बैठकें वॉर रूम में होती हैं, जो 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर है. यहां मंगलवार को विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नाम पर आखिरी मुहर लगाने से पहले उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होनी थी. बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी, अजय सिंह, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भवर जितेंद्र सिंह, और बाकी बड़े नेता शामिल हुए.

टिकट बंटवारे में तवज्जो नहीं

10 घंटे तक चली मैराथन बैठक में काफी गहमागहमी हुई. दरअसल बैठक शुरू होने से पहले ही कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी कमेटी के सामने अपनी शिकायतें लेकर पेश हो गए. सूत्रों के मुताबिक उनकी शिकायत थी कि कद के हिसाब से टिकट बंटवारे में उन्हें तवज्जो नहीं दी जा रही. टिकटों के लिए पूरे प्रदेश में अपने नामों की लिस्ट सौंपकर इंदौर रवाना हो गए.

कमलनाथ के बयान से मचा बवाल

इसके बाद जब बैठक शुरू हुई तो जीतू पटवारी की नाराजगी की फेहरिस्त गिनवाई गई. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शब्दों का तीर चलाते हुए ये कह दिया कि, क्षेत्रीय नेता अपने अपने इलाके के ही उम्मीदवारों का नाम दें, इससे ज्यादा नहीं. कमलनाथ का ये कहना भर था कि, नेता विपक्ष गोविंद सिंह और पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने इस बात के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया.

अजय सिंह ने बैठक में रखा प्रस्ताव

दरअसल एक ही पिच पर बैटिंग कर रहे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की जोड़ी ये चाहती थी कि टिकट बंटवारे में उनका दबदबा रहे. हालांकि इस वाद विवाद के बीच कमलनाथ और दिग्विजय तब सकते में आ गए जब अर्जुन सिंह के बेटे कद्दावर नेता पूर्व नेता विपक्ष अजय सिंह उर्फ राहुल भैया ने बैठक में प्रस्ताव दिया.

अजय सिंह ने कहा कि अगर हमें राज्य में एक क्षेत्र विशेष का ही नेता माना जा रहा है तो कम से कम उसी हिसाब से टिकट बांट दिया जाए, उसमें दखलंदाजी न हो. सियासी दांव उल्टा पड़ते देख इस बात को काटते हुए कमलनाथ ने विरोध जता दिया. उसके बाद बैठक का माहौल गरम हो गया.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल मध्य प्रदेश को 6 भागों में बांटा जाता है- मालवा निवाड़, ग्वालियर चंबल, महाकौशल, मध्य भारत, विंध्य और बुंदेलखंड. इन्ही क्षेत्र विशेष के आधार पर ही बाकी सभी नेताओं ने टिकट की मांग की.

जितेंद्र सिंह ने किया बीच बचाव

माहौल बिगड़ता देख स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन जितेंद्र सिंह ने सबको शांत कराया और बीच बचाव करते हुए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की. उन्होंने कमलनाथ और बाकी नेताओं को ठंडा किया. समझाते हुए कहा कि, सबको नाम तो देने दीजिए, बाकी जीत के आधार पर तय किया जाएगा.

100 सीटों पर नाम तय, मुहर लगना बाकी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में 230 में से 150 से ज़्यादा सीटों पर 10 घंटे की मैराथन चर्चा हुई. लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि 100 सीटों पर एक ही नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाना है. इसका मतलब ये हुआ कि 230 में से 100 सीटों पर स्क्रीनिंग कमेटी ने एक उम्मीदवार तय कर लिया है.

इन 100 नामों पर मुहर लगाने के लिए 7 अक्टूबर को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी, जिसमें स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों के साथ अध्यक्ष खरगे, सोनिया और राज गांधी के अलावा प्रियंका गांधी भी मौजूद रहेंगी.