Vikrant Shekhawat : May 02, 2022, 10:45 PM
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चुनाव आयोग ने खदान लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा है कि उनके पक्ष में खदान का पट्टा जारी होने के एवज में क्यों ना उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये। आगे चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि प्रथम दृष्टया ये लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के धारा-9A उल्लंघन का प्रतीत होता है। आपको बता दे कि धारा-9A सरकारी अनुबंधों के लिये अयोग्यता से संबधित है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना पक्ष रखने के लिये 10 मई तक का समय दिया गया है।
जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जारी नोटिस की कॉपी राजभवन और बीजेपी दफ्तर को भी भेजा है। आपको बता दें कि रांची के अनगड़ा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा 88 डिसमिल जमीन पत्थर खदान के लिये लीज पर लेने का मामला सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले का खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री के साथ – साथ खान मंत्री होने के बावजूद अपने नाम पर खदान लीज लेने के मामले को पद का दुरुपयोग बताया था। साथ ही ये भी कहा कि ये लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9A के दायरे में आता है। इसके तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता को रद्द करनी चाहिये।इधर जेएमएम ने भी इस मामले में पलटवार करते हुई खदान लीज के मामले को धारा-9A के दायरे में नहीं आने का दावा किया है। साथ ही यह भी कहा था कि चुनाव आयोग को अपना पक्ष रखने के लिये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मौका दिया जाना चाहिये। अब चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना पक्ष रखने के लिये 10 मई तक का समय दे दिया है।
जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जारी नोटिस की कॉपी राजभवन और बीजेपी दफ्तर को भी भेजा है। आपको बता दें कि रांची के अनगड़ा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा 88 डिसमिल जमीन पत्थर खदान के लिये लीज पर लेने का मामला सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस मामले का खुलासा करते हुए मुख्यमंत्री के साथ – साथ खान मंत्री होने के बावजूद अपने नाम पर खदान लीज लेने के मामले को पद का दुरुपयोग बताया था। साथ ही ये भी कहा कि ये लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा-9A के दायरे में आता है। इसके तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता को रद्द करनी चाहिये।इधर जेएमएम ने भी इस मामले में पलटवार करते हुई खदान लीज के मामले को धारा-9A के दायरे में नहीं आने का दावा किया है। साथ ही यह भी कहा था कि चुनाव आयोग को अपना पक्ष रखने के लिये मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मौका दिया जाना चाहिये। अब चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अपना पक्ष रखने के लिये 10 मई तक का समय दे दिया है।