Vikrant Shekhawat : Jul 05, 2024, 07:30 PM
Girraj Singh Malinga: धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में AEN और JEN को पीटने के मामले में आरोपी पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। AEN हर्षदापति की याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस फरजंद अली की अदालत ने मलिंगा की जमानत को निरस्त करते हुए उन्हें 30 दिन में सरेंडर करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने 2 साल पहले गिर्राज सिंह मलिंगा को कोरोना के चलते जमानत दी थी। शुक्रवार को AEN हर्षदापति की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने माना कि मलिंगा ने जमानत का मिस यूज किया। इसके चलते कोर्ट ने उनकी जमानत को निरस्त कर दिया।हर्षदापति की ओर से पैरवी करते हुए वकील एके जैन ने कहा- मलिंगा ने कोर्ट से कोरोना का बहाना बनाकर जमानत का लाभ लिया था। जमानत मिलते ही उन्होंने जुलूस निकाला था। मामले में पीड़ित और गवाहों को धमकाया था। ऐसे में आरोपी की जमानत याचिका को निरस्त किया जाए।क्या है पूरा मामला ?धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम ऑफिस में 28 मार्च 2022 को AEN हर्षदापति और JEN नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की घटना हुई थी। प्रकरण में एईएन हर्षदापति ने मलिंगा और अन्य के खिलाफ 29 मार्च को नामजद मारपीट, राज्य कार्य में बाधा और एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कराया था। मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।घटना के बाद तत्कालीन धौलपुर एसपी शिवराज मीणा का भी तबादला कर दिया गया था। बिजली विभाग के इंजीनियर्स के साथ मारपीट होने के बाद निगम के कर्मचारियों में आक्रोश भड़क गया था। मलिंगा की गिरफ्तारी को लेकर विद्युत निगम के कर्मचारियों ने प्रदेश स्तर तक धरने प्रदर्शन भी किए थे। इसके बाद तत्कालीन विधायक राजेंद्र गुढ़ा को साथ लेकर मलिंगा ने सीएम हाउस पहुंचकर तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की थी। उसके बाद सरेंडर किया था।हाईकोर्ट ने ही दी थी जमानतमलिंगा ने 11 मई को जयपुर के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने सरेंडर किया था। 12 मई की दोपहर को उन्हें एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने मलिंगा को 15 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया था। जिसके बाद मलिंगा ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। मलिंगा को हाईकोर्ट ने ही 17 मई 2022 को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।