Vikrant Shekhawat : Feb 24, 2021, 09:55 PM
Farmers Protest: इस बार दिल्ली के बोट क्लब पर खेती होगी। देश भर से 40 लाख ट्रैक्टर वहां जाएंगे। होली का सीजन आने वाला है अपनी फसल काटकर सभी तैयार रहें। संयुक्त किसान मोर्चा के एक फोन पर दिल्ली पहुंचें। किसान नेता राकेश टिकैत के मिनी जाटलैंड कहे जाने वाले किरावली में बुधवार को ऐसे तल्ख तेवर दिखे। ये टिकैत की यहां पहली महापंचायत थी। इस दौरान टिकैत केंद्र सरकार पर ही हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन अपनी जमीन बचाने का है। खेत बचाने का है। ये बड़ी कंपनियां हैं। इन्हें अपने खेत या देश से प्यार नहीं होता। मौका मिलते ही इन्हें क्षेत्र और देश बदलने में देर नहीं लगती। किसान की पगड़ी पर हाथ डालने वाली सरकार को परिणाम भुगतना होगा। अब कोई जात-धर्म नहीं। केवल किसान बिरादरी है। किसान धर्म-2021 ही पहचान होगा। दिल्ली आएं तो अपने खेत की मिट्टी लेकर आएं। इस बार उसी से होली होगी। कानूनों की वापसी तक ये संघर्ष चलेगा।पुलिसवालों को जोड़ने की कोशिशसंबोधन के दौरान भीड़ के पीछे खड़े पुलिसबल की ओर इशारा करते हुए टिकैत ने कहा कि ये भी किसानों के बेटे हैं। इन्हीं पुलिसवालों के लिए डेढ़ दशक पहले आंदोलन किया था। इनके मकान इतने छोटे होते हैं कि ये अपने परिवार और रिश्तेदारों तक को नहीं बुला पाते। इनके मकान का साइज बढ़ाने के लिए सरकार से कहा तो उसने कुछ नहीं किया। अब इसके लिए फिर आंदोलन किया जाएगा।निजीकरण व महंगाई पर हमलाटिकैत ने कहा कि सब बेचा जा रहा है। बीएसएनएल खत्म होने के कगार पर है। यही नहीं जिन रेल कर्मियों के दम पर रेलवे चलाई जा रही है, अगले साल तक उनमें से 4.5 लाख कर्मचारियों को बाहर निकालने की तैयारी है। ये बड़े लुटेरे हैं। इनसे देश को बचाना होगा। कहा कि महंगाई कहां जा रही है। सिलेंडर, डीजल-पेट्रोल के दाम कहां जा रहे हैं। अगर इनके दाम बढ़ेंगे तो गांव के आदमी का किराया बढ़ेगा। माल भाड़ा भी बढ़ेगा। किसान कहां जाएगा।जाट राजाओं और आलू बेल्ट से जोड़ाकिसान नेता राकेश टिकैत ने सभा के दौरान बार-बार जाट राजाओं, नेताओं का शौर्य याद दिलाया। उन्होंने कहा कि ये वीर गोकुला का क्षेत्र है। महाराजा सूरजमल का क्षेत्र है। चौ. चरण सिंह का क्षेत्र है। अब इस क्षेत्र के किसानों को लंबी लड़ाई लड़नी है। ब्रज की आलू बेल्ट का ध्यान दिलाते हुए कहा कि ये आलू का क्षेत्र है। इनके आलू को व्यापारी बेचेंगे तो 40 रुपये किलो बिकेगा और किसान बेचेगा तो 8 रुपये किलो ही बिकेगा। इन कानूनों से साप्ताहिक बाजार बंद हो जाएंगे। हमारी मांग है कि एमएसपी पर कानून बने। हम अधिकतम मूल्य की भी लड़ाई लड़ेंगे।