Vikrant Shekhawat : May 14, 2022, 08:28 AM
ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कथित तौर पर बिजली चोरी करने के आरोप में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया है। घटना ठाणे जिले के मुरबाद इलाके की है। पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) की टीम ने पांच मई को फलेगांव में एक स्टोन क्रशिंग इकाई पर छापा मारा था। इसके बाद इस कारनामे का खुलासा हुआ। उन्होंने कहा, ‘मीटर रीडिंग में छेड़छाड़ करने वाले गैजेट के इस्तेमाल से दूर से बिजली की चोरी की जा रही थी। पिछले 29 महीनों में ₹5।93 करोड़ की 34 लाख से ज्यादा (34,09,901) यूनिट कुल बिजली चोरी का अनुमान लगाया गया है।
मुरबाद पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि चंद्रकांत भांबरे और उनके बेटे सचिन के खिलाफ बिजली अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। वे कल्याण तालुका के फलेगांव गांव के रहने वाले हैं। TOI की रिपोर्ट के मुताबिक विजिलेंस टीम ने पांच मई को क्रशर कंपनी के बिजली मीटर का निरीक्षण किया था। जांच में खुलासा हुआ कि क्रशर संचालक ने मीटर में रिमोट कंट्रोल सर्किट लगाकर पिछले 29 माह से 34 लाख यूनिट से अधिक बिजली की चोरी की है।प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मीटर के साथ छेड़छाड़ की गई थी और बिजली की खपत के रिकॉर्ड संदिग्ध थे। इसलिए मीटर को जब्त कर लिया गया। फिर लैबोरेट्री में मीटर की जांच की गई तो पता चला कि रिमोट कंट्रोल की मदद से इस सर्किट को नियंत्रित करने से क्रेशर की वास्तविक बिजली खपत मीटर में कम दर्ज होगी। इस तरह से पिता-पुत्र ने मिलकर साल 2019 के दिसबंर महीने से 2022 के अप्रैल तक करोड़ों रुपये की बिजली चोरी की। आरोपितों के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मुरबाद पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि चंद्रकांत भांबरे और उनके बेटे सचिन के खिलाफ बिजली अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। वे कल्याण तालुका के फलेगांव गांव के रहने वाले हैं। TOI की रिपोर्ट के मुताबिक विजिलेंस टीम ने पांच मई को क्रशर कंपनी के बिजली मीटर का निरीक्षण किया था। जांच में खुलासा हुआ कि क्रशर संचालक ने मीटर में रिमोट कंट्रोल सर्किट लगाकर पिछले 29 माह से 34 लाख यूनिट से अधिक बिजली की चोरी की है।प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मीटर के साथ छेड़छाड़ की गई थी और बिजली की खपत के रिकॉर्ड संदिग्ध थे। इसलिए मीटर को जब्त कर लिया गया। फिर लैबोरेट्री में मीटर की जांच की गई तो पता चला कि रिमोट कंट्रोल की मदद से इस सर्किट को नियंत्रित करने से क्रेशर की वास्तविक बिजली खपत मीटर में कम दर्ज होगी। इस तरह से पिता-पुत्र ने मिलकर साल 2019 के दिसबंर महीने से 2022 के अप्रैल तक करोड़ों रुपये की बिजली चोरी की। आरोपितों के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है।