Dainik Bhaskar : Aug 07, 2019, 11:01 AM
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी
- इसरो ने फोटो ट्वीट करते हुए लिखा- चंद्रयान सभी मापदंडों पर सही ढंग से काम कर रहा है
चंद्रयान ने पिछले हफ्ते तस्वारें भेजी थींइसरो ने 4 अगस्त को चंद्रयान-2 से खींची गई पृथ्वी की कुछ फोटो रिलीज की थीं। अंतरिक्ष में पृथ्वी की बाहरी कक्षा से खींची गई इन फोटोज को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर में लगे एलआई-4 कैमरे से 3 अगस्त को शाम 5:28 से 5:37 बजे के बीच खींचा गया। इसरो ने ट्वीट में इन्हें चंद्रयान-2 द्वारा खींची पहली तस्वीरों का सेट बताया। दरअसल, पिछले हफ्ते इंटरनेट पर कुछ और फोटोज को चंद्रयान-2 द्वारा खींची पहली फोटो बताया था। तब इसरो ने साफ किया था कि उसने चंद्रयान-2 की कोई तस्वीर नहीं शेयर की।चंद्रयान-2 का वजन 3,877 किलोग्रामचंद्रयान-2 को भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट से लॉन्च किया गया। इस रॉकेट में तीन मॉड्यूल ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं। इस मिशन के तहत इसरो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर को उतारने की योजना है। इस बार चंद्रयान-2 का वजन 3,877 किलो है। यह चंद्रयान-1 मिशन (1380 किलो) से करीब तीन गुना ज्यादा है। लैंडर के अंदर मौजूद रोवर की रफ्तार 1 सेमी प्रति सेकंड है। इसरो प्रमुख के मुताबिक, आखिर के 15 मिनट में सुरक्षित लैंडिंग कराने के दौरान वैज्ञानिक सबसे ज्यादा भय अनुभव करेंगे।चंद्रयान-2 मिशन क्या है? यह चंद्रयान-1 से कितना अलग है?चंद्रयान-2 वास्तव में चंद्रयान-1 मिशन का ही नया संस्करण है। इसमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था, जो चंद्रमा की कक्षा में घूमता था। चंद्रयान-2 के जरिए भारत पहली बार चांद की सतह पर लैंडर उतारेगा। यह लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन जाएगा।#ISRO
— ISRO (@isro) August 6, 2019
Fifth earth bound orbit raising maneuver for #Chandrayaan2 spacecraft has been performed today (August 6, 2019) at 1504 hrs (IST) as planned.
For details, please visit https://t.co/gmamiVzyQ1 pic.twitter.com/DEQR1PPxwY