Dainik Bhaskar : Sep 08, 2019, 08:20 AM
जयपुर/अलवर/बहराेड़. अलवर जिले के बहराेड़ थाने में फायरिंग कर लाॅकअप से हरियाणा के माेस्टवांटेड बदमाश विक्रम उर्फ पपला गुर्जर काे छुड़ा ले जाने के मामले में एसओजी ने बहराेड़ के हिस्ट्रीशीटर विनाेद स्वामी सहित दाे बदमाशाें काे गिरफ्तार किया है। इन दोनों के अलावा हरियाणा पुलिस ने भी बदमाश विक्रम उर्फ पपला के जीजा रेवाड़ी के इब्राहिमपुर निवासी विजय सिंह सहित 5 लोगों को पकड़ा है।
विनाेद जखराना गांव का है और उसका शराब का ठेका भी है। उसका बहराेड़ थाने में आना-जाना है। पपला काे गिरफ्तार किए जाने के बाद भी वह थाने पहुंचा और थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियाें से साैदेबाजी में जुट गया। वह सुबह 8 बजे तक साैदे में जुटा रहा। लेकिन जब बात नहीं बनी ताे पपला की गैंग काे थाने व हवालात की लाेकेशन के बारे में नक्शा बनाकर समझाया। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि गैंग के बदमाशाें से पपला की बात भी करवाई गई थी। इसके बाद बदमाश 8:20 बजे ताबड़ताेड़ फायरिंग करते हुए थाने में घुसे और पपला काे छुड़ा ले गए।एसओजी ने गैंग के अधिकतर सदस्याें काे नामजद कर लिया है। विनाेद के साथ पकड़ा गया दूसरा बदमाश झुंझुनूं जिले में सिंघाना के गुर्जरवास गांव का कैलाश चंद उर्फ केसी गुर्जर है। एसओजी के अनुसार विनेाद स्वामी थाने के अधिकतर पुलिसकर्मियाें के अलावा पपला गुर्जर की गैंग का भी नजदीकी है। एसओजी ने वारदात में इस्तेमाल की गई दाे गाड़ियां भी बरामद कर ली हैं। मामले के बाद डीजीपी भूपेन्द्र सिंह, एटीएस व एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल सहित पुलिस अफसर घटना के दिन से ही बहराेड़ में कैंप किए हुए हैं। जांच एसओजी के एएसपी करण शर्मा के पास है।बता दें कि बहराेड थाना पुलिस शुक्रवार तड़के करीब 3:20 बजे गश्त के दाैरान जयपुर-दिल्ली हाईवे से निकली ताे तीन बदमाश गाड़ी में भागने लगे। पुलिस ने पीछा किया ताे वे गाड़ी छाेड़कर पैदल भागे। इनमें से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खाराेली गांव निवासी पपला पकड़ा गया। पुलिस उसे 5:20 बजे थाने लाई और लाॅकअप में बंद कर दिया। उसके पास से 31. 90 लाख रुपए भी मिले। सुबह करीब 8:20 बजे 10-15 बदमाश एके-47 सहित अन्य हथियाराें से फायरिंग करते हुए पपला काे लाॅकअप से छुड़ा ले गए।पपला पर हरियाणा पुलिस ने 5 लाख का इनाम घाेषित कर रखा था। जब उसे बहराेड़ पुलिस ने पकड़ा ताे उसने खुद काे प्राॅपर्टी काराेबारी और नाम साहिल बताया। पुलिस भी उसे नहीं पहचान पाई कि वह हरियाणा का माेस्टवांटेड बदमाश पपला है। दाे साल पहले आठ सितंबर काे महेन्द्रगढ़ न्यायालय में पेशी के लिए लाते समय उसके साथी पपला काे पुलिस हिरासत से छुड़ा ले गए थे। तभी से उसकी तलाश जारी थी।शनिवार दोपहर राजस्थान के डीजीपी भूपेन्द्र यादव और हरियाणा के एडीजीपी (दक्षिण) रमेशचंद्र मिश्रा ने धारूहेड़ा में करीब दो घंटे तक दोनों राज्यों के पुलिस उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद कहा कि दोनों राज्यों की पुलिस संयुक्त कार्रवाई कर रही है। बदमाश कहीं भी छिप जाएं, हम उन्हें ढूंढ़ निकालेंगे। इसके बाद डीजीपी यादव भिवाड़ी होते हुए सीधे अलवर निकल गए। बैठक में जयपुर रेंज आईजी एस. सेेंगाथिर, अलवर एसपी पारिस देशमुख, रेवाड़ी एसपी नाजमीन भसीन, नूहं एसपी संगीता कालिया, एसपी पलवल नरेन्द्र, नारनौल के डिप्टी सीओ, एटीएस गुरुग्राम के अधिकारी मौजूद रहे।डीजीपी बोले पुलिस ने वर्दी पहनकर लूटने वाली छवि बनाईदिनभर बहराेड़ में रहने के बाद पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव ने शनिवार शाम अलवर की पुलिस लाइन में संपर्क सभा में हिस्सा लिया। इस दाैरान उन्हाेंने पुलिस की छवि पर तंज कसा और कहा कि कुछ पुलिसकर्मियाें ने वर्दी पहनकर लूट करने वाले की छवि बना ली है, अब ऐसे कर्मचारियाें काे बर्खास्त किया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि पुलिस का बदमाशों से मेलजोल नहीं होना चाहिए।पुलिस से तो बदमाश डरने चाहिए। आमजन व गरीब को परेशान करना पुलिस का कोई पराक्रम नहीं है। उन्हाेंने जयपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले दो पुलिसकर्मी बजरी के ट्रक को पकड़ने के लिए उसके पीछे कई किलोमीटर तक गए और ट्रक चालक से पैसे वसूले। लोगों ने उनकी पिटाई की। उनकी वीरगाथा टीवी व अखबारों के जरिए पूरे देश में फैली। हम वर्दी पहनकर इस तरह की लूट करते हैं।राइफल लिए संतरी से डीजीपी ने पूछा- चलाना जानते हाे, बोला-नहीं सरडीजीपी भूपेंद्र यादव नीमराना सहित कई थानों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नीमराना थाने के संतरी से हथियारों की ट्रेनिंग पर सवाल किया तो पुलिस के कामकाज की पोल खुल गई। इंसास राइफल लेकर पहरे पर तैनात कपिल कुमार से डीजीपी ने पूछा-हथियारों की ट्रेनिंग कब ली। सिपाही बोला-जब 2013 में भर्ती की ट्रेनिंग की, तभी हथियार चलाना सीखा। डीजीपी ने पूछा-हाथ में ली हुई राइफल चलाना जानते हाे ताे सिपाही ने कहा- नहीं सर, नहीं जानता। यह जवाब सुन डीजीपी कुछ नहीं बोले और निरीक्षण करने आगे बढ़ गए।
विनाेद जखराना गांव का है और उसका शराब का ठेका भी है। उसका बहराेड़ थाने में आना-जाना है। पपला काे गिरफ्तार किए जाने के बाद भी वह थाने पहुंचा और थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियाें से साैदेबाजी में जुट गया। वह सुबह 8 बजे तक साैदे में जुटा रहा। लेकिन जब बात नहीं बनी ताे पपला की गैंग काे थाने व हवालात की लाेकेशन के बारे में नक्शा बनाकर समझाया। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि गैंग के बदमाशाें से पपला की बात भी करवाई गई थी। इसके बाद बदमाश 8:20 बजे ताबड़ताेड़ फायरिंग करते हुए थाने में घुसे और पपला काे छुड़ा ले गए।एसओजी ने गैंग के अधिकतर सदस्याें काे नामजद कर लिया है। विनाेद के साथ पकड़ा गया दूसरा बदमाश झुंझुनूं जिले में सिंघाना के गुर्जरवास गांव का कैलाश चंद उर्फ केसी गुर्जर है। एसओजी के अनुसार विनेाद स्वामी थाने के अधिकतर पुलिसकर्मियाें के अलावा पपला गुर्जर की गैंग का भी नजदीकी है। एसओजी ने वारदात में इस्तेमाल की गई दाे गाड़ियां भी बरामद कर ली हैं। मामले के बाद डीजीपी भूपेन्द्र सिंह, एटीएस व एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल सहित पुलिस अफसर घटना के दिन से ही बहराेड़ में कैंप किए हुए हैं। जांच एसओजी के एएसपी करण शर्मा के पास है।बता दें कि बहराेड थाना पुलिस शुक्रवार तड़के करीब 3:20 बजे गश्त के दाैरान जयपुर-दिल्ली हाईवे से निकली ताे तीन बदमाश गाड़ी में भागने लगे। पुलिस ने पीछा किया ताे वे गाड़ी छाेड़कर पैदल भागे। इनमें से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खाराेली गांव निवासी पपला पकड़ा गया। पुलिस उसे 5:20 बजे थाने लाई और लाॅकअप में बंद कर दिया। उसके पास से 31. 90 लाख रुपए भी मिले। सुबह करीब 8:20 बजे 10-15 बदमाश एके-47 सहित अन्य हथियाराें से फायरिंग करते हुए पपला काे लाॅकअप से छुड़ा ले गए।पपला पर हरियाणा पुलिस ने 5 लाख का इनाम घाेषित कर रखा था। जब उसे बहराेड़ पुलिस ने पकड़ा ताे उसने खुद काे प्राॅपर्टी काराेबारी और नाम साहिल बताया। पुलिस भी उसे नहीं पहचान पाई कि वह हरियाणा का माेस्टवांटेड बदमाश पपला है। दाे साल पहले आठ सितंबर काे महेन्द्रगढ़ न्यायालय में पेशी के लिए लाते समय उसके साथी पपला काे पुलिस हिरासत से छुड़ा ले गए थे। तभी से उसकी तलाश जारी थी।शनिवार दोपहर राजस्थान के डीजीपी भूपेन्द्र यादव और हरियाणा के एडीजीपी (दक्षिण) रमेशचंद्र मिश्रा ने धारूहेड़ा में करीब दो घंटे तक दोनों राज्यों के पुलिस उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद कहा कि दोनों राज्यों की पुलिस संयुक्त कार्रवाई कर रही है। बदमाश कहीं भी छिप जाएं, हम उन्हें ढूंढ़ निकालेंगे। इसके बाद डीजीपी यादव भिवाड़ी होते हुए सीधे अलवर निकल गए। बैठक में जयपुर रेंज आईजी एस. सेेंगाथिर, अलवर एसपी पारिस देशमुख, रेवाड़ी एसपी नाजमीन भसीन, नूहं एसपी संगीता कालिया, एसपी पलवल नरेन्द्र, नारनौल के डिप्टी सीओ, एटीएस गुरुग्राम के अधिकारी मौजूद रहे।डीजीपी बोले पुलिस ने वर्दी पहनकर लूटने वाली छवि बनाईदिनभर बहराेड़ में रहने के बाद पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव ने शनिवार शाम अलवर की पुलिस लाइन में संपर्क सभा में हिस्सा लिया। इस दाैरान उन्हाेंने पुलिस की छवि पर तंज कसा और कहा कि कुछ पुलिसकर्मियाें ने वर्दी पहनकर लूट करने वाले की छवि बना ली है, अब ऐसे कर्मचारियाें काे बर्खास्त किया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि पुलिस का बदमाशों से मेलजोल नहीं होना चाहिए।पुलिस से तो बदमाश डरने चाहिए। आमजन व गरीब को परेशान करना पुलिस का कोई पराक्रम नहीं है। उन्हाेंने जयपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले दो पुलिसकर्मी बजरी के ट्रक को पकड़ने के लिए उसके पीछे कई किलोमीटर तक गए और ट्रक चालक से पैसे वसूले। लोगों ने उनकी पिटाई की। उनकी वीरगाथा टीवी व अखबारों के जरिए पूरे देश में फैली। हम वर्दी पहनकर इस तरह की लूट करते हैं।राइफल लिए संतरी से डीजीपी ने पूछा- चलाना जानते हाे, बोला-नहीं सरडीजीपी भूपेंद्र यादव नीमराना सहित कई थानों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने नीमराना थाने के संतरी से हथियारों की ट्रेनिंग पर सवाल किया तो पुलिस के कामकाज की पोल खुल गई। इंसास राइफल लेकर पहरे पर तैनात कपिल कुमार से डीजीपी ने पूछा-हथियारों की ट्रेनिंग कब ली। सिपाही बोला-जब 2013 में भर्ती की ट्रेनिंग की, तभी हथियार चलाना सीखा। डीजीपी ने पूछा-हाथ में ली हुई राइफल चलाना जानते हाे ताे सिपाही ने कहा- नहीं सर, नहीं जानता। यह जवाब सुन डीजीपी कुछ नहीं बोले और निरीक्षण करने आगे बढ़ गए।