Vikrant Shekhawat : Aug 09, 2021, 11:16 AM
नई दिल्ली: चीफ जस्टिस (CJI) एनवी. रमना ने बीते दिन एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश के पुलिस स्टेशनों में मानवाधिकार (Human Rights) के नियमों पर चिंता व्यक्त की है. चीफ जस्टिस ने कहा कि पुलिस थानों (Police Stations) में मानवाधिकारों को सबसे ज्यादा खतरा है, यहां तक कि विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को भी थर्ड डिग्री (Third Degree) ट्रीटमेंट से नहीं बख्शा जाता है.CJI ने ये बयान तब दिया जब वह भारतीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा विजन एंड मिशन स्टेटमेंट और एनएएलएसए के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे.मानवाधिकारों और गरिमा को पवित्र बताते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मानव अधिकारों और शारीरिक अखंडता के लिए खतरा पुलिस स्टेशनों में सबसे अधिक है. हिरासत में यातना और अन्य पुलिस (Police) अत्याचार ऐसी समस्याएं हैं जो अभी भी हमारे समाज में व्याप्त हैं, हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार यहां तक कि विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को थर्ड-डिग्री उपचार से नहीं बख्शा जाता है.उन्होंने जोर देकर कहा कि संवैधानिक घोषणाओं और गारंटियों के बावजूद, पुलिस थानों में प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व की कमी गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के लिए एक बड़ा नुकसान है. इन शुरूआती घंटों में लिए गए फैसले बाद में आरोपी की खुद का बचाव करने की क्षमता को निर्धारित करेंगे.चीफ जस्टिस (Chief Justice) बोले कि पुलिस की ज्यादतियों को रोकने के लिए कानूनी सहायता के संवैधानिक अधिकार और मुफ्त कानूनी सहायता सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी का प्रसार आवश्यक है. प्रत्येक पुलिस स्टेशन/जेल में डिस्प्ले बोर्ड और आउटडोर होर्डिंग की स्थापना इस दिशा में एक कदम है.‘भरोसा जगाना बेहद जरूरी’अपने संबोधन में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अत्यधिक विशेषाधिकार प्राप्त और सबसे कमजोर लोगों के बीच न्याय तक पहुंच के अंतर को पाटना अनिवार्य है. हमारे देश में व्याप्त सामाजिक-आर्थिक विविधता की वास्तविकताएं कभी भी अधिकारों से वंचित होने का कारण नहीं हो सकती हैं. CJI बोले कि यदि, एक संस्था के रूप में, न्यायपालिका नागरिकों का विश्वास हासिल करना चाहती है, तो हमें हर किसी को आश्वस्त करना होगा कि हम उनके लिए मौजूद हैं. सबसे लंबे समय तक, कमजोर आबादी न्याय प्रणाली से बाहर रही है. कोविड-19 महामारी के बावजूद, हम अपनी कानूनी सहायता सेवाओं को सफलतापूर्वक जारी रखने में सक्षम हैं.