Vikrant Shekhawat : Feb 03, 2021, 07:01 PM
पिथौरागढ़. उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत(Harish Rawat) 2022 का विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) नहीं लड़ेंगे. इस बात का हरीश रावत ने खुद ऐलान किया है. रावत ने कहा कि 2021 में वो खुद चुनाव ना लड़कर कांग्रेसी उम्मीदवारों (Congress candidate) की जीत के लिए प्रचार करना चाहते हैं. रावत ने कहा कि राज्य में जब भी उन्होंने चुनाव की बागडोर संभाली है तो कांग्रेस को बेहतर सफलता मिली है. रावत का कहना है कि अगर मैं खुद चुनाव लडूंगा तो एक सीट पर ही सीमित हो जाऊंगा. जबकि मुझे इस बार के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करना है.उत्तराखंड में पहली बार 2002 में कांग्रेस की सरकार बनी थी. तब हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे. 2007 के दूसरे विधानसभा चुनावों में रावत ने भी चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी. सरकार जाने बाद भी 2007 में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा था. वहीं 2012 में केन्द्र में मंत्री होने के बाद भी हरीश रावत ने जमकर चुनाव प्रचार किया और कांग्रेस को सत्ता दिलाई थी. लेकिन, 2017 का विधानसभा चुनाव उनके लिए किसी कड़वे घूट से कम नहीं था.
पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री होते हुए हरीश रावत 2 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों सीटों पर उन्हें करारी हार मिली थी. साथ ही कांग्रेस भी 70 में से सिर्फ 11 सीटों पर सिमट गई थी. उत्तराखंड में कांग्रेस का इतिहास देखें तो हरीश रावत सिर्फ एक बार विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे और उन्हें करारी मात मिली थी. खुद हरीश रावत भी मानते हैं कि उनका अनुभव भी यही कहता है कि चुनाव लड़ने के बजाय लड़वाना उनके और कांग्रेस के हित में है.
पिछले चुनाव में मुख्यमंत्री होते हुए हरीश रावत 2 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों सीटों पर उन्हें करारी हार मिली थी. साथ ही कांग्रेस भी 70 में से सिर्फ 11 सीटों पर सिमट गई थी. उत्तराखंड में कांग्रेस का इतिहास देखें तो हरीश रावत सिर्फ एक बार विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे और उन्हें करारी मात मिली थी. खुद हरीश रावत भी मानते हैं कि उनका अनुभव भी यही कहता है कि चुनाव लड़ने के बजाय लड़वाना उनके और कांग्रेस के हित में है.