Vikrant Shekhawat : Jun 28, 2021, 09:35 AM
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) की दूसरी लहर धीरे-धीरे कमजोर पड़ रही है। विशेषज्ञों ने कहा है कि कोविड की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है। दूसरी ओर डेल्टा प्लस के मामले भी सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण का यह वेरिएंट देश में संक्रमण की तीसरी लहर की वजह हो सकता है। इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में कोरोना के चार और संक्रामक वेरिएंट्स पाए जा सकते हैं।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार देश में B.1.617.3 वेरिएंट, B.1.617.2 वेरिएंट, B.1.1.318 वेरिएंट, लैंब्डा वेरिएंट और कप्पा वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है। देश में कोरोना के B.1.617.3 और B.1.1.318 वेरिएंट पहले से ही मौजूद हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जिन चार वेरिएंट्स की मॉनिटरिंग जारी है, यह सभी विदेश यात्रा के जरिए आ सकते हैं। अगर इनकी निगरानी में जरा भी ढील दी गई तो स्थिति नियंत्रण के बाहर हो सकती है। दूसरी ओर विशेषज्ञों का दावा है कि जिन वेरिएंट्स पर निगरानी रखी जा रही है, वह डेल्टा प्लस और डेल्टा से ज्यादा प्रभावी नहीं है।ब्रिटेन में लैंब्डा वेरिएंटइस बीच कोरोना से जूझ रहे ब्रिटेन की पीएचई ने कहा कि उसने वायरस के लैंब्डा वेरिएंट (सी।37) को जांच की सूची में शामिल किया है, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विस्तार और एल452क्यू और एफ490एस जैसे कई बदलाव की वजह से किया गया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 जून को लैंब्डा वेरिएंट को ‘वैरियंट ऑफ इंट्रेस्ट’ के तौर पर श्रेणीबद्ध किया था। ब्रिटेन में लैंब्डा वेरिएंट से संक्रमण के अबतक छह मामले सामने आए है और इन सभी का संबंध विदेश यात्रा से है। सबसे पहले इसकी पहचान पेरु में की गई थी और अबतक 26 देशों में यह मिल चुका है।
असम और झारखंड में कप्पावहीं असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने शुक्रवार को जानकारी दी थी कि महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद से अप्रैल, मई और जून के महीने में कोविड-19 मरीजों के 300 नमूने लिए गए और उन्हें पश्चिम बंगाल के कल्याणी में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स में जांच के लिए भेजा गया।महंत ने कहा, 'हमें अप्रैल और मई के नतीजे मिले हैं और इनमें से 77 प्रतिशत में डेल्टा वेरिएंट जबकि 23 प्रतिशत में कप्पा वेरिएंट पाया गया है।' वहीं झारखंड के राज्य के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बीते दिनों बताया था 'राज्य में जिनोम सीक्वेंसिंग के दौरान वायरस के डेल्टा, अल्फा और कप्पा वेरिएंट के 328 से 364 मामलों की पुष्टि हुई।'
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार देश में B.1.617.3 वेरिएंट, B.1.617.2 वेरिएंट, B.1.1.318 वेरिएंट, लैंब्डा वेरिएंट और कप्पा वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है। देश में कोरोना के B.1.617.3 और B.1.1.318 वेरिएंट पहले से ही मौजूद हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जिन चार वेरिएंट्स की मॉनिटरिंग जारी है, यह सभी विदेश यात्रा के जरिए आ सकते हैं। अगर इनकी निगरानी में जरा भी ढील दी गई तो स्थिति नियंत्रण के बाहर हो सकती है। दूसरी ओर विशेषज्ञों का दावा है कि जिन वेरिएंट्स पर निगरानी रखी जा रही है, वह डेल्टा प्लस और डेल्टा से ज्यादा प्रभावी नहीं है।ब्रिटेन में लैंब्डा वेरिएंटइस बीच कोरोना से जूझ रहे ब्रिटेन की पीएचई ने कहा कि उसने वायरस के लैंब्डा वेरिएंट (सी।37) को जांच की सूची में शामिल किया है, ऐसा अंतरराष्ट्रीय विस्तार और एल452क्यू और एफ490एस जैसे कई बदलाव की वजह से किया गया है।विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 जून को लैंब्डा वेरिएंट को ‘वैरियंट ऑफ इंट्रेस्ट’ के तौर पर श्रेणीबद्ध किया था। ब्रिटेन में लैंब्डा वेरिएंट से संक्रमण के अबतक छह मामले सामने आए है और इन सभी का संबंध विदेश यात्रा से है। सबसे पहले इसकी पहचान पेरु में की गई थी और अबतक 26 देशों में यह मिल चुका है।
असम और झारखंड में कप्पावहीं असम के स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने शुक्रवार को जानकारी दी थी कि महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद से अप्रैल, मई और जून के महीने में कोविड-19 मरीजों के 300 नमूने लिए गए और उन्हें पश्चिम बंगाल के कल्याणी में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स में जांच के लिए भेजा गया।महंत ने कहा, 'हमें अप्रैल और मई के नतीजे मिले हैं और इनमें से 77 प्रतिशत में डेल्टा वेरिएंट जबकि 23 प्रतिशत में कप्पा वेरिएंट पाया गया है।' वहीं झारखंड के राज्य के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बीते दिनों बताया था 'राज्य में जिनोम सीक्वेंसिंग के दौरान वायरस के डेल्टा, अल्फा और कप्पा वेरिएंट के 328 से 364 मामलों की पुष्टि हुई।'