Vikrant Shekhawat : Dec 24, 2020, 11:37 AM
नई दिल्ली. ब्रिटेन और भारत के बीच उड़ानों पर रोक लग चुकी है, मगर इस रोक से पहले भारत आने वाले यात्रियों में से 20 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अभी और यात्रियों को ट्रेस करके उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.
क्या भारत में ब्रिटेन का नया कोरोना वायरस आ चुका है?
ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है. वहीं इसका जवाब डर पैदा करने वाला है. दरअसल, ब्रिटेन और भारत के बीच उड़ानों पर रोक लग चुकी है, मगर इस रोक से पहले भारत आने वाले यात्रियों में से 20 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अभी और यात्रियों को ट्रेस करके उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक इनमें से 50 फीसदी यात्रियों में ब्रिटेन का नया कोरोना वायरस हो सकता है. दरअसल, ब्रिटेन में 60 फीसदी लोग नए कोरोना वायरस से बीमार हैं. इस हिसाब से 20 यात्रियों में से आधे में नया कोरोना वायरस हो सकता है. इनके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चलेगा कि भारत में नया कोरोना वायरस आ चुका है या नहीं.
जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए चुनिंदा प्रयोगशालाएं हैं:
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (नई दिल्ली), सीएसआईआर-आर्कियोलॉजी फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (हैदराबाद), डीबीटी - इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (भुवनेश्वर), डीबीटी-इन स्टेम-एनसीबीएस (बेंगलुरु), डीबीटी - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG), (कल्याणी, पश्चिम बंगाल), आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे).
दरअसल, पिछले 2-3 हफ्ते में ब्रिटेन से आए लोगों का टेस्ट नहीं हुआ था. अब राज्य सरकारों को उनकी खोजबीन के लिए कहा गया है. वहीं वैज्ञानिक इस बात से इनकार नहीं करते कि ब्रिटेन से पहले आए लोगों से नया कोरोना वायरस अपने पैर नहीं पसार चुका होगा. इस बीच तमाम राज्य सरकारों ने नए कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं.
क्या भारत में ब्रिटेन का नया कोरोना वायरस आ चुका है?
ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है. वहीं इसका जवाब डर पैदा करने वाला है. दरअसल, ब्रिटेन और भारत के बीच उड़ानों पर रोक लग चुकी है, मगर इस रोक से पहले भारत आने वाले यात्रियों में से 20 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. अभी और यात्रियों को ट्रेस करके उनका कोरोना टेस्ट किया जा रहा है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक इनमें से 50 फीसदी यात्रियों में ब्रिटेन का नया कोरोना वायरस हो सकता है. दरअसल, ब्रिटेन में 60 फीसदी लोग नए कोरोना वायरस से बीमार हैं. इस हिसाब से 20 यात्रियों में से आधे में नया कोरोना वायरस हो सकता है. इनके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चलेगा कि भारत में नया कोरोना वायरस आ चुका है या नहीं.
जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए चुनिंदा प्रयोगशालाएं हैं:
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (नई दिल्ली), सीएसआईआर-आर्कियोलॉजी फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (हैदराबाद), डीबीटी - इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (भुवनेश्वर), डीबीटी-इन स्टेम-एनसीबीएस (बेंगलुरु), डीबीटी - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG), (कल्याणी, पश्चिम बंगाल), आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे).
दरअसल, पिछले 2-3 हफ्ते में ब्रिटेन से आए लोगों का टेस्ट नहीं हुआ था. अब राज्य सरकारों को उनकी खोजबीन के लिए कहा गया है. वहीं वैज्ञानिक इस बात से इनकार नहीं करते कि ब्रिटेन से पहले आए लोगों से नया कोरोना वायरस अपने पैर नहीं पसार चुका होगा. इस बीच तमाम राज्य सरकारों ने नए कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं.