Fixed Deposit / एफडी अपने नाम के बजाय पत्नी के नाम से कराएं, बहुत कम लोगों को मालूम हैं फायदे

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारतीयों की पसंदीदा बचत योजनाओं में से एक है। यह सुरक्षित निवेश और निश्चित रिटर्न प्रदान करता है। शादीशुदा लोग अपनी पत्नी के नाम पर FD कराकर टैक्स बचा सकते हैं, क्योंकि अधिकांश महिलाएं लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं और टीडीएस से बचने का विकल्प रखती हैं।

Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2024, 01:00 AM
Fixed Deposit: फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भारतीयों के बीच सबसे पसंदीदा और सुरक्षित बचत स्कीमों में से एक है। हालांकि म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन एफडी का अपना अलग स्थान बना हुआ है। निवेशकों के लिए एफडी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह गारंटी के साथ फिक्स्ड रिटर्न प्रदान करता है। खासकर जो लोग रिस्क नहीं लेना चाहते, उनके लिए एफडी आज भी सबसे भरोसेमंद विकल्प है।

यदि आप शादीशुदा हैं और फिक्स्ड डिपॉजिट करने की योजना बना रहे हैं, तो आप टैक्स बचाने के लिए कुछ खास रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि कैसे पत्नी के नाम पर एफडी कराकर आप टैक्स और टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) के भुगतान से बच सकते हैं।

एफडी पर टीडीएस और टैक्स की देनदारी

फिक्स्ड डिपॉजिट से होने वाली कमाई पर टीडीएस चुकाना पड़ता है। यदि एफडी से प्राप्त ब्याज एक वित्त वर्ष में ₹40,000 से अधिक हो जाता है, तो उस पर 10 प्रतिशत टीडीएस काटा जाता है। इसके अलावा, ब्याज से होने वाली आय आपकी कुल आय में जुड़ जाती है और इस पर टैक्स की दर आपके टैक्स ब्रैकेट के अनुसार लागू होती है। यदि आप अधिक टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, तो आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है।

पत्नी के नाम पर एफडी कराने से टैक्स बचत कैसे होगी?

यदि आप अपनी पत्नी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट कराते हैं, तो आप अपने ऊपर लगने वाले टीडीएस और अतिरिक्त टैक्स से बच सकते हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि ज्यादातर महिलाएं या तो लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं, या फिर वे हाउसवाइफ होती हैं, जिन पर कोई आयकर देनदारी नहीं होती। इस स्थिति में, पत्नी के नाम पर एफडी कराने से आपके टैक्स का बोझ कम हो सकता है।

अगर आपकी पत्नी की आय सीमित है और वह 40,000 रुपये से कम का ब्याज कमाती हैं, तो वे फॉर्म 15G भरकर टीडीएस के भुगतान से भी बच सकती हैं। इससे उन्हें टीडीएस नहीं कटेगा, और आपको भी टैक्स की बचत होगी।

जॉइंट एफडी से भी मिल सकता है फायदा

अगर आप अपनी पत्नी के साथ जॉइंट एफडी कराते हैं और उन्हें फर्स्ट होल्डर बनाते हैं, तो भी आप टैक्स बचत कर सकते हैं। जॉइंट एफडी में फर्स्ट होल्डर की आयकर स्थिति के अनुसार टीडीएस और टैक्स का निर्धारण होता है। अगर आपकी पत्नी की आयकर स्थिति कम टैक्स ब्रैकेट में आती है या वह हाउसवाइफ हैं, तो इसका लाभ आपको टैक्स बचत के रूप में मिल सकता है।

निष्कर्ष: समझदारी से करें निवेश

फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित और गारंटीशुदा रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प है, लेकिन इसमें टैक्स बचत की संभावना भी है। यदि आप समझदारी से अपनी निवेश योजना बनाते हैं और अपनी पत्नी के नाम पर एफडी कराते हैं, तो यह आपके कुल कर देनदारी को कम करने में मदद कर सकता है।

यह सलाह दी जाती है कि आप टैक्स प्लानिंग के लिए अपने वित्तीय सलाहकार से चर्चा करें, ताकि आप फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य निवेशों से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।