Vikrant Shekhawat : Feb 14, 2023, 01:11 PM
Gold-Silver Future Price: सोने और चांदी के दाम पर पिछले दिनों आई तेजी के बाद एक बार फिर से दोनों कीमती धातुओं में गिरावट देखी जा रही है. हालांकि अभी भी सोना अगस्त 2020 के रिकॉर्ड से ऊपर ही चल रहा है. जानकार आने वाले समय में सोने और चांदी में तेजी आने की संभावना जता रहे हैं. इस दिवाली सोना 65000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 80000 रुपये प्रति किलो के स्तर तक पहुंच सकती है. आइए जानते हैं Green Portfolio Smallcase के को-फाउंडर दिवम शर्मा (Divam Sharma) के मुताबिक सोने-चांदी में तेजी आने के प्रमुख कारण-महंगाई दर और बेरोजगारी का बढ़नादिवम शर्मा बताते हैं कि महंगाई दर के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने और बेरोजगारी दर बढ़ने से सोने की कीमत के और ऊपर जाने की संभावना है. दुनियाभर के देशों (विकसित देशों ने भी) ने पिछले एक साल के दौरान महंगाई को जबरदस्त तेजी से बढ़ते देखा है. अमेरिका में बेरोजगारी दर में वृद्धि के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, इसस साल उनकी अर्थव्यवस्था में मंदी के दौर और बदतर हो सकता है.हाई सॉवरेन गोल्ड रिजर्वपिछले एक साल के दौरान यूक्रेन युद्ध को देखते हुए प्रतिबंधों के कारण रूस का अमेरिकी डॉलर का भंडार कम हो गया. इससे सभी देशों का ध्यान इस तरफ है और सभी अपने डॉलर के भंडार पर जोखिम कम करना चाहते हैं. सोना उसके लिए सही री-प्लेसमेंट देता है. यही कारण है कि दुनियाभर के कई देश सोने के भंडार में इजाफा कर रहे हैं. सोने की मांग बढ़ने का यही कारण है. चीन और रूस तेजी से सोने की जमाखोरी कर रहे हैं. यह भी अफवाह है कि वे अपनी आरक्षित मुद्रा के साथ आ रहे हैं.गोल्ड बैक्ड करेंसीदिवम शर्मा ने बताया कि दुनिया डॉलर समर्थित व्यापार से स्थानीय मुद्रा समर्थित वैश्विक व्यापार की तरफ बढ़ रही है. आप देख सकते हैं भारत ने पिछले दिनों रुपये आधारित व्यापार के माध्यम से श्रीलंका और रूस जैसे देशों के साथ व्यापार करना शुरू किया. रूस, अपनी करेंसी के मूल्य को मजबूत करने के लिए क्रिप्टो करेंसी पर भी विचार कर रहा है, जिसे सोने का समर्थन प्राप्त होगा.चीन का खुलनाचीन कोविड के कारण लॉकडाउन की लंबी अवधि के बाद वापस खुल गया है. चीन में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के फिर से शुरू होने से चांदी में बड़ी तेजी आ सकती है. इसके अलावा आने वाले समय में अन्य जिंसों जैसे स्टील, जिंक, एल्युमीनियम आदि की कीमत पर भी असर पड़ेगा.पेट्रोडॉलर की शुरुआत1970 के दशक में अमेरिका पेट्रोडॉलर कॉन्सेप्ट के साथ आया, जहां तेल बैरल में केवल यूएसडी के बदले में बेचा जाता है. द्विपक्षीय व्यापार तंत्र पर चीन और सऊदी के साथ हो रहे नवीनतम विकास के साथ, अमेरिकी डॉलर दबाव में आ जाएगा और यह संरचनात्मक होगा. डॉलर के कमजोर होने से सोने में मजबूत आएगी.पिछले 10 सालों में सोने में 5.7% सीएजीआर का इजाफा हुआ है. निवेशक सोने और चांदी को अपने निवेश पोर्टफोलियो में 10-15% तक रख सकते हैं.