News18 : Dec 19, 2019, 03:03 PM
नई दिल्ली। दो सरकारी टेलीकॉम कंपनियों महानगर टेलीफोन निगम लिमिटे (MTNL) और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के संपत्ति को बेचने यानी एसेट मॉनेटाइजेशन की प्रक्रिया काफी तेज हो गई है। CNBC-आवाज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार की कोशिश है MTNL और BSNL की संपत्ति को चालू कारोबारी साल में ज्यादा से ज्यादा बेच दी जाए। इसके लिए अगले हफ्ते इस पर Inter Ministerial Group की अहम बैठक बुलाई गई है। Inter Ministerial Group की अहम बैठक में विनिवेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कानून मंत्रालय और टेलीकॉम मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे। इसके साथ ही इस बैठक में MTNL और BSNL के CMD भी होंगे।38 हजार करोड़ रुपये की बेची जाएगी संपत्तिइस बैठक में दोनों कंपनियों के CMD बेची जाने वाली संपत्तियों का ब्यौरा देंगे। MTNL और BSNL की कुल 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बेची जानी है। इस संपत्ति में कंपनी की खाली जमीन, बिल्डिंग शामिल होंगी। इसी बैठक में RFP फाइनेंशियल बिड को भी मंजूरी मिलने की संभावना है और किस तरह से संपत्ति बेची जाएगी इसकी भी मंजूरी मिलने की संभावना है।
इन संपत्तियों की होगी बिक्री
जानकारी के मुताबिक MTNL और BSNL के पास करीब 67 हजार मोबाइल टावर हैं। सिर्फ BSNL के पास 5 फैक्ट्री है जिसकी अतिरिक्त जमीन करीब 130 एकड़ की है जो अलीपुर, मुबंई और जबलपुर फैक्ट्री के पास पड़ी है। इस बिक्री से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी की माली हालत सुधारने में होगा। ऐसी ही संपत्ति, गेस्ट हाउस और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की पहचान की गई है जिसको बेचा जाना है। BSNL ने कहा कि 78,569 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का विकल्प चुना है। इससे कंपनी को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में वेतन बिल में 1,300 करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है। योजना जनवरी से अमल में आएगी।
इन संपत्तियों की होगी बिक्री
जानकारी के मुताबिक MTNL और BSNL के पास करीब 67 हजार मोबाइल टावर हैं। सिर्फ BSNL के पास 5 फैक्ट्री है जिसकी अतिरिक्त जमीन करीब 130 एकड़ की है जो अलीपुर, मुबंई और जबलपुर फैक्ट्री के पास पड़ी है। इस बिक्री से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी की माली हालत सुधारने में होगा। ऐसी ही संपत्ति, गेस्ट हाउस और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की पहचान की गई है जिसको बेचा जाना है। BSNL ने कहा कि 78,569 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का विकल्प चुना है। इससे कंपनी को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में वेतन बिल में 1,300 करोड़ रुपये की बचत की उम्मीद है। योजना जनवरी से अमल में आएगी।