Vikrant Shekhawat : May 20, 2021, 01:36 PM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के प्रमुख साइंटिफिक एडवाइजर के विजयराघवन (K VijayRaghavan) के कार्यालय ने कहा है कि पर्याप्त वेंटिलेशन कोविड -19 वायरस के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए गुरुवार को एक एडवाइजरी (New Covid Rules) जारी की गई, जिसमें बेहतर वेंटिलेशन को अहम बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि हवा में 10 मीटर तक वायरस के बारीक कण फैल सकते हैं।नई गाइडलाइंस के अनुसार, खराब वेंटिलेशन वाले घरों और दफ्तरों आदि में वायरस वाली संक्रमित हवा रहती है। जबकि अच्छे वेंटिलेशन से संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। गाइडलाइन में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सफाई और वेंटिलेशन पर जोर दिया गया है। साथ ही सरकार ने माना है कि एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना संक्रमण के फैलने के प्रमुख कारण हैं।कोरोना से संक्रमित शख्स के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है और संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। गाइडलाइंस के मुताबिक, यहां तक कि एक संक्रमित व्यक्ति जिसमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह वायरल लोड बनाने लायक पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है जो कई अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। यानी अब कोरोना से बचने के लिए 10 मीटर की दूरी भी काफी नहीं है। एडवाइजरी में वेंटिलेशन को कम्युनिटी डिफेंस करार देते हुए कहा गया कि यह हमें घरों और ऑफिसों में संक्रमण के जोखिम से बचाएगा। साथ ही क्रॉस वेंटिलेशन यानि अंदर आने वाली हवा का बाहर निकलना एवं एक्जॉस्ट फैन की भूमिका को संक्रमण से बचाव के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। इसमें उदाहरण के तौर पर कहा गया है कि जिस तरह किसी तरह की गंध को दूर करने के लिए हम घरों में खिडकियां खोल देते हैं और एक्जॉस्ट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं उसी तरह संक्रमित हवा को शुद्ध करने के लिए वेंटिलेशन सबसे बेहतरीन समाधान है।