बिजली संकट / हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बंगाल ने आयात को लेकर नहीं उठाए कोई कदम, कोयला गाड़ियां निकालने के लिए 1081 ट्रेनें रद्द

केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने बिजली बनाने वाली कंपनियों की तरफ से कोयला आयात को लेकर उठाए गए कदमों की समीक्षा की। बैठक में विद्युत मंत्रालय के सचिव अलोक कुमार सहित राज्यों व बिजली बनाने वाली कंपनियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। सिंह ने कहा, मौजूदा ऊर्जा संकट को टालने के लिए कोयले का आयात जरूरी है। कहा कि कुछ राज्यों ने बिजली संकट को देखते हुए उचित कदम उठाए हैं, जबकि कुछ राज्य इस मामले में पिछड़े हुए हैं।

Vikrant Shekhawat : May 06, 2022, 08:17 AM
केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने बिजली बनाने वाली कंपनियों की तरफ से कोयला आयात को लेकर उठाए गए कदमों की समीक्षा की। बैठक में विद्युत मंत्रालय के सचिव अलोक कुमार सहित राज्यों व बिजली बनाने वाली कंपनियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।


सिंह ने कहा, मौजूदा ऊर्जा संकट को टालने के लिए कोयले का आयात जरूरी है। कहा कि कुछ राज्यों ने बिजली संकट को देखते हुए उचित कदम उठाए हैं, जबकि कुछ राज्य इस मामले में पिछड़े हुए हैं।


उन्होंने राज्यों के प्रतिनिधियों से कहा कि मई अंत तक आयातित कोयला बिजली संयंत्रों तक पहुंच जाना चाहिए। उन्होंने बिजली कंपनियों से उन्हें आवंटित कोयला खदानों से खनन बढ़ाने पर जोर देने के लिए भी कहा। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे संयंत्रों तक कोयला आपूर्ति के लिए रेल और रोड दोनों तरीकों का इस्तेमाल करें, ताकि संयंत्रों में कोयले की कमी पूरी की जा सके। जो राज्य तय समय में कोयला नहीं ले जाएंगे, वह कोयला दूसरे राज्यों को दे दिया जाएगा। इसके बाद बिजली संकट के लिए वह राज्य खुद जिम्मेदार होगा।


बैठक में बताया गया कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने आयात के आदेश दे दिए हैं, जबकि पंजाब और गुजरात टेंडर जारी करने के अंतिम दौर में हैं। जबकि, राजस्थान और मध्यप्रदेश ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। वहीं, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है। इसके अलावा आवंटित कोयले को उठाने के मामले में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, बंगाल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश खासे पीछे चल रहे हैं। विद्युत मंत्री ने इन राज्यों को तेजी से कोयले को उठाने में सलाह दी है, अगर ये राज्य तय समय में कोयला नहीं उठा पाते हैं तो अन्य राज्यों के लिए आवंटित कर दिया जाएगा।


कोयला गाड़ियां निकालने के लिए 1081 ट्रेनें रद्द

देश के कई राज्यों को ब्लैकआउट से बचाने के लिए रेलवे बिजली संयंत्रों तक कोयला पहुंचाने का काम युद्ध स्तर पर कर रहा है। कोयले की कमी से निपटने के लिए मालगाड़ियों के लदान व रफ्तार को बढ़ाया गया है। इनके निर्बाध आवागमन के लिए रेलवे ने देशभर में कुल 1081 (फेरे) यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इनमें 29 अप्रैल को रद्द रही 753 (फेरे) यात्री ट्रेन शामिल हैं।


गहराते बिजली संकट के बीच रेलवे ने मालगाड़ियों के परिवहन में व्यवधान से बचने के लिए 24 मई तक कई रूटों पर ट्रेनों को रद्द किया है। इनमें दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की मेल/एक्सप्रेस 13 जोड़ी (अप/डाउन) ट्रेनें शामिल हैं। इसी तरह इस जोन में 2 जोड़ी  पैसेंजर ट्रेनें रद्द हैं। मेल/एक्सप्रेस के 479 फेरे व पैसेंजर ट्रेनों के 562 फेरे रद्द रहेंगे।


घटिया कोयला बेच 564 करोड़ कमाने के आरोपी पर चार्जशीट

सरकारी कंपनियों को घटिया कोयला बेच कर 564 करोड़ रुपये का घपला करने के आरोपी व छह कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को चेन्नई की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। सभी छह कंपनियां आरोपी अहमद एआर बुहारी की ही हैं।


ईडी ने एक बयान जारी किया, जिसके अनुसार सीबीआई की एक अन्य एफआईआर से यह मामला सामने आया। ईडी ने आरोपी पर 29 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केस दर्ज किया। उसने बताया कि अहमद बुहारी को सरकारी कंपनियों के टेंडर के अनुसार उच्च कैलोरिफिक वैल्यू (ऊर्जा या ऊष्मा का मान) का कोयला सप्लाई करना था।


उसने निम्न कैलोरिफिक वैल्यू का कोयला सप्लाई किया। इसके लिए फर्जी सैंपल व विश्लेषण सर्टिफिकेट (कोसा) बनवाए। जहां सरकारी कंपनियों को नुकसान हुआ, उसने सस्ते कोयले का ज्यादा मूल्य वसूला और 564.48 करोड़ रुपये का फायदा उठाया। ईडी ने बताया कि अहमद ने जिन छह कंपनियों के जरिए यह घपला किया उनमें कोस्टल एनर्जी प्रा. लि. चेन्नई, कोस्टल एनर्जेन प्रा. लि. चेन्नई, सीएनओ डीएमसीसी दुबई, सीएनओ एलएलसी दुबई, प्रीशियस एनर्जी होल्डिंग्स लि. ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड और मुटियारा एनर्जी होल्डिंग्स लि. मॉरीशस शामिल हैं।