दिल्ली / हाईकोर्ट ने दी दिल्ली में पब व रेस्टोरेंट में हर्बल हुक्का के इस्तेमाल की इजाज़त

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 नियमों के पालन और डिस्पोज़ेबल पाइप के इस्तेमाल की शर्तों के साथ पब व रेस्टोरेंट को हर्बल हुक्का के इस्तेमाल की इजाज़त दी। बकौल कोर्ट, जब सिनेमाघर खुल गए हैं व अन्य गतिविधियां भी फिर से शुरू हो गई हैं तो ऐसे में याचिकाकर्ताओं को लटकाकर रखना उचित नहीं होगा।

Vikrant Shekhawat : Nov 16, 2021, 06:24 PM
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के रेस्तरां और पबों में हर्बल हुक्का (Herbal Hookah) के इस्तेमाल की अनुमति देते हुए कहा कि आजीविका की कीमत पर कोविड-19 प्रतिबंधों को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

'हर्बल हुक्का' जैविक जड़ी बूटियों से बने होते हैं और उसमें तंबाकू नहीं होता। कई रेस्तरां और बार द्वारा हर्बल स्वाद वाले हुक्का की बिक्री या सेवा पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रहीे जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंध हमेशा के लिए नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि यह भी उल्लेख किया कि अधिकारियों द्वारा पहले से ही सिनेमा हॉल और स्विमिंग पूल को पूरी क्षमता से काम करने की अनुमति दी गई है।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह केवल अंतरिम राहत प्रदान कर रहा है और इसके लिए याचिकाकर्ताओं को एक हलफनामा देना होगा कि वे 'हर्बल हुक्कों' की बिक्री करते समय कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे। इस मामले में अब नौ फरवरी को आगे सुनवाई होगी।

जस्टिस पल्ली ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के हलफनामा करने पर, मामले की अगली सुनवाई तक प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) हर्बल हुक्कों की बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं लगाएगा। हालांकि कोविड-19 के मामले बढ़ने पर दिल्ली सरकार अदालत जा सकती है। 

अदालत ने दिल्ली सरकार को याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि अगर अन्य रेस्तरां और बार COVID-19 प्रोटोकॉल के अनुपालन में हर्बल हुक्का परोसने की अनुमति के लिए उससे संपर्क करते हैं तो इस पर खुद निर्णय लें।

पश्चिमी पंजाबी बाग के ब्रेथ फाइन लाउंज एंड बार, टीओएस, आर हाई स्पीडबार एंड लाउंज, वेरांडा मूनशाइन और सिक्स्थ एम्पायरिका लाउंज द्वारा अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें कहा गया था कि वे 'हर्बल हुक्का' की बिक्री कर रहे थे, (जिसके लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनमें बिल्कुल भी तंबाकू नहीं होता) लेकिन पुलिस फिर भी छापेमारी कर रही है, उपकरण जब्त कर रही है और चालान कर रही है।

याचिकाकर्ताओं ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (लाइसेंसिंग यूनिट) के उस आदेश को भी चुनौती दी थी, जिसमें हर्बल हुक्के की बिक्री या सेवा पर रोक लगाई गई थी।