Shiv Sena / शिवसेना के नाम-निशान पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, SC ने शिंदे और उद्धव गुट से जवाब मांगा

शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और निशान सौंपे जाने के खिलाफ उद्धव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगाई है। हालांकि उद्धव गुट और शिंदे खेमे को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब मांगा है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अभी इस स्थिति में हम ऑर्डर पर रोक नहीं लगा सकते हैं।

Vikrant Shekhawat : Feb 22, 2023, 05:42 PM
Shiv Sena : शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और निशान सौंपे जाने के खिलाफ उद्धव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगाई है। हालांकि उद्धव गुट और शिंदे खेमे को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब मांगा है।


CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अभी इस स्थिति में हम ऑर्डर पर रोक नहीं लगा सकते हैं। शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के सामने खुद को साबित किया है। उद्धव गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पैरवी की। उन्होंने अदालत से यथास्थिति बनाए रखने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने ऐसा कोई ऑर्डर पास नहीं किया।


शिंदे गुट ने भी उद्धव की याचिका से पहले सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट कोई भी फैसला देने से पहले उसका पक्ष जरूर सुने।


संजय राउत बोले- अब सुप्रीम कोर्ट पर ही भरोसा

चुनाव आयोग से शिवसेना का नाम और निशान छीने जाने के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि इस देश में सभी संस्थाएं खत्म हो गई हैं। लोकतंत्र की हत्या हो गई है, तो अब एक ही आशा बची है- सर्वोच्च न्यायालय। हम वहां जाएंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे।


SC में ठाकरे गुट ने पार्टी संविधान का हवाला दिया

उद्धव गुट की याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और चुनाव निशान के विवाद के निपटारे का आधार पार्टी के 1999 के संविधान को बनाया, जबकि इसे 2018 में बदला जा चुका था। संशोधन में कहा गया था कि शिवसेना में अध्यक्ष ही सबसे ऊपर होगा। किसी को पार्टी में शामिल करने, निकालने या बैठक करने पर आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष का ही होगा।


उद्धव गुट ने कहा था कि 1999 के संविधान के मुताबिक पार्टी प्रमुख के पास इस तरह का कोई पावर नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने 2018 के संविधान को रिकॉर्ड पर रखने का समय ही नहीं दिया। फैसला लेते वक्त नए संविधान को अनदेखा किया गया है। इसी दलील के आधार पर उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।


उद्धव की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं

उद्धव ठाकरे की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहले पार्टी का नाम और निशान गया, फिर विधानभवन में पार्टी का ऑफिस भी चला गया। अब BMC हेडक्वार्टर पर शिंदे गुट की नजर है। वहीं, शिंदे गुट ने महाराष्ट्र असैंबली में बने शिवसेना के ऑफिस पर दावा ठोका है। शिंदे गुट के विधायकों ने ऑफिस को अपने अधिकार में ले लिया। मुंबई के शिवसेना भवन में उद्धव गुट की मीटिंग से पहले शिंदे गुट के नेता सदा सर्वंकर ने कहा कि हम किसी प्रॉपर्टी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। न सिर्फ सेना भवन, बल्कि हमारे लिए पार्टी की हर शाखा एक मंदिर है।​​​​​​


ठाकरे गुट का दावा- नाम खरीदने 2000 करोड़ में सौदा

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न तीर-कमान को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपए का सौदा हुआ है। राउत ने रविवार काे सोशल मीडिया में लिखा था कि 2000 करोड़ रुपए एक शुरुआती आंकड़ा है और यह पूरी तरह सच है।


राउत ने था कहा कि सत्तारुढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने यह जानकारी साझा की है। इसका खुलासा वे जल्द करेंगे। वहीं, राउत के इस बयान पर CM एकनाथ शिंदे के विधायक सदा सर्वंकर ने पूछा कि क्या उस डील के कैशियर संजय राउत हैं? इस मामले में नासिक में संजय राउत के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।