दुनिया / दुनिया की सबसे ठंडी जगह पर भयावह आग, वैज्ञानिक इस बदलाव से परेशान

धरती की वो जगह जहां तापमान माइनस 68 डिग्री सेल्सियस तक जाने का रिकॉर्ड है। आज वह जगह आग की लपटों में घिरी हुई है। तापमान इतना बढ़ा हुआ है जितना आज तक कभी नहीं था। इस जगह पर चारों तरफ बर्फ, ठंडे समुद्र की लहरें हैं। लेकिन इसकी जमीन पर बसे जंगलों में आग लगी है। धुएं के बादल कई किलोमीटर तक आसमान में फैले हुए हैं। इस पर्यावरणीय बदलाव को देखते हुए दुनिया भर के वैज्ञानिक परेशान हैं

AajTak : Jun 25, 2020, 04:01 PM
दिल्ली: धरती की वो जगह जहां तापमान माइनस 68 डिग्री सेल्सियस तक जाने का रिकॉर्ड है। आज वह जगह आग की लपटों में घिरी हुई है। तापमान इतना बढ़ा हुआ है जितना आज तक कभी नहीं था। इस जगह पर चारों तरफ बर्फ, ठंडे समुद्र की लहरें हैं। लेकिन इसकी जमीन पर बसे जंगलों में आग लगी है। धुएं के बादल कई किलोमीटर तक आसमान में फैले हुए हैं। इस पर्यावरणीय बदलाव को देखते हुए दुनिया भर के वैज्ञानिक परेशान हैं

ये जगह साइबेरिया के पूर्वी इलाके में स्थित है। यानी रूस का वर्खोयान्स्क कस्बा। यहां 20 जून को इतिहास का सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया। पारा था 38 डिग्री सेल्सियस। जबकि, यही वो जगह हैं जहां सबसे ज्यादा सर्दी पड़ती है। पारा माइनस 67 तक चला जाता है। इस नक्शे में दिखाया गया है कि कैसे आर्कटिक क्षेत्र में साइबेरिया समेत अन्य इलाकों की जमीन गर्म होती जा रही है।

इससे पहले इस जगह का तापमान 37।3 डिग्री सेल्सियस 1988 में हुआ था। नासा गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के निदेशक गैविन स्मिट ने बताया कि आर्कटिक के इस क्षेत्र में तापमान का इतना बढ़ जाना ठीक नहीं है। 

गैविन स्मिट ने बताया कि पिछले 100 सालों के आंकड़ें देखें तो इस इलाके में तापमान में औसत बढ़ोतरी 3 डिग्री सेल्सियस थी। लेकिन लगता है इस सदी में यह रिकॉर्ड भी टूट जाएगा। ऊपर दिखाए गए नक्शे में जमीन का तापमान दिखाया जा रहा है। ज्यादा लाल रंग यानी ज्यादा गर्मी।

वर्खोयान्स्क के जंगलों में आग लगी है। ये आग 10।3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बड़े इलाके में लगी हुई है। इस इलाके में पाए जाने लार्च नाम के पेड़ सबसे ज्यादा जल रहे हैं। करीब 1768 क्यूबिक मीटर लार्च जल चुके हैं।

जंगल में लगी आग की वजह से साइबेरियाई इलाकों के आसमान में गहरे रंग का धुआं फैला हुआ है जो अंतरिक्ष से भी दिखाई दे रहा है। इसे यूरोपियन स्पेस एजेंसी, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत रूस के मौसम विभाग ने भी रिकॉर्ड किया है। 

वर्ल्ड मेटेरियोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन ने कहा है कि हमने साइबेरिया के इलाके में बढ़े हुए तापमान को रिकॉर्ड किया है। ये बेहद भयावह है। आर्कटिक क्षेत्र में इतना ज्यादा तापमान पिछले कई दशकों में नहीं गया। यह ग्लोबल वार्मिंग और धरती के अंदर धधक रही आग का नतीजा है।

इस आग, गर्मी और हीटवेव की वजह से आर्कटिक सर्किल के कई इलाकों में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ गई है। इतना ही नहीं वातावरण में अन्य ग्रीन हाउस गैसों में भी इजाफा हुआ है।

आपको बता दें साइबेरिया का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपने भयावह तापमान के लिए दर्ज है। यहां न्यूनतम तापमान माइनस 68 डिग्री सेल्सियस तक जाता है।