Bahujan Samaj Party: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस निर्णय की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के माध्यम से दी। मायावती ने बताया कि बसपा की आल-इंडिया बैठक में आकाश आनंद को पार्टी से अधिक अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में रहने के कारण नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था। उन्हें अपनी परिपक्वता दिखाकर पछतावा व्यक्त करना चाहिए था, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया ने विपरीत संकेत दिए।
ससुर के प्रभाव में रहने की सजा
मायावती ने इस फैसले पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा कि आकाश ने पछतावा दिखाने की बजाय जो लंबी प्रतिक्रिया दी, वह उनके राजनीतिक परिपक्वता की बजाय उनके ससुर के प्रभाव को दर्शाती है। उन्होंने इसे स्वार्थी, अहंकारी और गैर-मिशनरी बताया। मायावती ने पार्टी के अन्य सदस्यों को भी ऐसे प्रभावों से बचने की सलाह दी और अनुशासनहीनता को दंडित करने की अपनी परंपरा को दोहराया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान आंदोलन तथा कांशीराम जी की अनुशासन परंपरा को बनाए रखने के लिए आकाश आनंद को भी उनके ससुर की तरह बसपा से निष्कासित किया जाता है।
रमजान की शुभकामनाएं
इस बीच, मायावती ने रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत पर देश और दुनियाभर के मुस्लिम समाज को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी के लिए शांति, सद्भाव, सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
आकाश आनंद की प्रतिक्रिया
मायावती के फैसले पर आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह मायावती के नेतृत्व में कैडर के रूप में काम करते रहे हैं और उन्होंने त्याग, निष्ठा और समर्पण के महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं।
उन्होंने लिखा,
"बहनजी का हर फैसला मेरे लिए पत्थर की लकीर के समान है। मैं उनके हर निर्णय का सम्मान करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं। यह फैसला मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भावनात्मक और चुनौतीपूर्ण है। परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है। ऐसे समय में धैर्य और संकल्प ही सच्चे साथी होते हैं।"आकाश ने आगे कहा कि वह एक सच्चे कार्यकर्ता के रूप में पार्टी और मिशन के लिए पूरी निष्ठा से काम करते रहेंगे और समाज के हक की लड़ाई अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने विरोधियों को जवाब देते हुए लिखा,
"कुछ लोग सोच रहे हैं कि इस फैसले से मेरा राजनीतिक करियर समाप्त हो गया, लेकिन बहुजन मूवमेंट कोई करियर नहीं, बल्कि यह करोड़ों दलित, शोषित, वंचित और गरीबों के आत्म-सम्मान की लड़ाई है। इसे दबाया नहीं जा सकता। इस मशाल को जलाए रखने के लिए लाखों आकाश आनंद हमेशा तैयार हैं।"राजनीतिक प्रभाव और भविष्य की रणनीति
आकाश आनंद के निष्कासन के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बसपा की आंतरिक राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। आकाश आनंद पार्टी के भविष्य के नेताओं में से एक माने जाते थे और उनके निष्कासन से पार्टी की रणनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।