इंडिया / मुझे भारत वापस भेजा गया तो कर लूंगा आत्महत्या: यूके की कोर्ट में नीरव मोदी

भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने बुधवार को यूके की कोर्ट में कहा कि उसका प्रत्यर्पण भारत किया गया तो वह आत्महत्या कर लेगा। बकौल नीरव, भारत में उसकी निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी। कोर्ट द्वारा खारिज ज़मानत याचिका में नीरव ने​ सिक्योरिटी के तौर पर ₹36 करोड़ जमा करने व घर में नज़रबंद रखे जाने की पेशकश भी की थी।

Jansatta : Nov 07, 2019, 01:56 PM
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 9100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी केस के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने धमकी दी है कि अगर उसे प्रत्यर्पित कर भारत भेजा गया तो वह आत्महत्या कर लेगा। बुधवार (06 नवंबर) को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में मोदी की पेशी हुई थी। कोर्ट में ही नीरव मोदी ने अपना आपा खोते हुए कहा कि अगर उसे भारत भेजा गया तो वह खुदकुशी कर लेगा। इसका कोर्ट पर कोई असर नहीं पड़ा और कोर्ट ने पांचवीं बार उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। इस दौरान नीरव मोदी के वकील कीथ क्यूसी ने अदालत में दावा किया कि उसके मुवक्किल को वेंड्सवर्थ जेल में दो बार पीटा गया है।

कोर्ट के रुख से नीरव मोदी को तगड़ा झटका लगा है। नीरव ने मुचलके के तौर पर 40 लाख पाउंड की भारी धनराशि का भुगतान करने के साथ ही संदिग्ध आतंकवादियों के समान निगरानी में रखे जाने की पेशकश की थी लेकिन अदालत ने उसकी दलील को अनसुना कर दिया । नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े दो अरब डॉलर के धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत को प्रर्त्यिपत किए जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है।

इसी अदालत में पिछली पेशी की तुलना में नीरव इस बार तंदुरूस्त लग रहा था। उसने सफेद रंग की कमीज और नीले रंग का स्वेटर पहन रखा था और वह बहुत ही स्मार्ट लग रहा था। सुनवाई के बाद वापस उसे वैंड्सवर्थ जेल भेज दिया गया। अब चार दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसी अदालत में उसकी पेशी होगी। न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट ने कहा कि ‘‘अतीत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भविष्य में क्या हो सकता है।’’ न्यायाधीश ने कहा कि वह अब भी नहीं मानती हैं कि वह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा और मई 2020 में मुकदमे के दौरान अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर देगा।

न्यायाधीश ने कहा कि नीरव ने खुद माना है कि वह ‘‘अवसाद’’ में है और यह ऐसी वजह नहीं है कि वह जमानत से इंकार के पुराने आदेश को बदल दें। न्यायाधीश ने नीरव मोदी की नयी जमानत याचिका के बारे में पिछले महीने भारतीय मीडिया को खबरें लीक करने की भी आलोचना की। खबरों में गोपनीय चिकित्सा रिपोर्ट के जरिए उसकी मानसिक स्थिति के बारे में बताया गया था। जज ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉक्टरों की रिपोर्ट लीक हुई । ऐसा नहीं होना चाहिए। इससे अदालत के प्रति भरोसा घटेगा।

भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रोसिक्यूशन र्सिवस (सीपीएस) के लिए पेश जेम्स लेविस ने जोर दिया कि इस तरह की ‘लीक’ अफसोसजनक है, लेकिन यह भारत की ओर से नहीं हुआ। उन्होंने जमानत याचिका को इस आधार पर चुनौती दी कि पूर्व के तीन मौके की तरह इस बार भी परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और नीरव का इरादा ब्रिटेन से भागने का है। नीरव के वकील हूगो कीथ ने पूर्व में 20 लाख पाउंड मुचलके की जगह 40 लाख पाउंड देने और इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग के साथ लगातार निगरानी की पेशकश की। मोदी 19 मार्च को गिरफ्तारी के बाद दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है। भारत सरकार के अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने प्रत्यर्पण वारंट की तामील करते हुए उसे गिरफ्तार किया था।