Zee News : Jul 26, 2020, 08:36 AM
कोलकाता: जब देश और दुनिया में COVID-19 का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे समय में IIT Kharagpur से एक राहत भरी खबर आई है। देश के प्रतिष्ठित संस्थान ने ऐसी पहली पोर्टेबल कम लागत की रैपिड टेस्ट किट (Portable Low Cost Rapid Test Kit) विकसित की है जो कम समय में टेस्ट रिजल्ट बता देगी। रैपिड टेस्ट किट की दो खास बातें ये हैं कि इसकी कीमत महज 400 रुपए है और इससे टेस्ट करने पर एक घंटे से भी कम समय में रिजल्ट का पता लग जाता है। वहीं टेस्ट रिपोर्ट बाद में स्मार्टफोन एप्लीकेशन में भी उपलब्ध होगी।
इस पोर्टेबल टेस्ट किट की एक और अहम विशेषता ये है कि इससे परीक्षण किसी भी स्थान पर किए जा सकते हैं। क्योंकि यह किसी विशेष प्रयोगशाला उपकरणों के विकल्प के रूप में कार्य करती है।बुनियादी ढांचे की जरूरत को पूरा करने में सक्षमजहां अन्य टेस्ट किट एक निश्चित संख्या तक ही नमूने ले सकती हैं, वहीं इस किट का इस्तेमाल कितनी भी ज्यादा संख्या में नमूने टेस्ट करने में कर सकते हैं। इसमें केवल पेपर कॉट्रेज बदलने की जरूरत पड़ती है। इस पोर्टेबल नॉन-इनवेसिव रैपिड डिटेक्शन टेस्ट किट का कॉन्सेप्ट आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रो।सुमन चक्रवर्ती और यहीं के स्कूल ऑफ बायो साइंस के डॉ। अरिंदम मंडल का है। प्रो।चक्रवर्ती ने कहा, 'अभी सबसे बड़ी चुनौती किसी भी विशेष बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करना है। उसमें भी नतीजों की सटीकता से समझौता किए बिना, कम लागत पर बड़े पैमाने पर परीक्षण करने की सुविधा सुनिश्चित करना है। आरटी-पीसीआर आधारित परीक्षण में लेबोरेटरी आदि की जरूरत होती है।' वहीं आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं के अनुसार, इस रेपिड टेस्ट किट के कोई नतीजे गलत नहीं रहे। डॉ। मंडल ने कहा, 'आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह पोर्टेबल डिवाइस न केवल COVID-19 के टेस्ट के लिए मान्य किया गया है, बल्कि एक ही सामान्य प्रक्रिया का पालन करके इससे किसी भी अन्य प्रकार के आरएनए वायरस का भी पता लगाया जा सकता है। लिहाजा यह किट आने वाले कई वर्षों तक ऐसी बीमारियों के परीक्षण में उपयोगी साबित होगी, जो मानव जीवन को खतरे में डाल सकती हैं।' आईआईटी खड़गपुर अपने इस प्रोडक्ट को कमर्शियल स्टेज पर ले जाने के लिए तैयार है। कोई भी कॉर्पोरेट या स्टार्ट-अप टेक्नॉलॉजी लाइसेंस और इसके प्रोडक्शन के लिए संस्थान से संपर्क कर सकता है।
इस पोर्टेबल टेस्ट किट की एक और अहम विशेषता ये है कि इससे परीक्षण किसी भी स्थान पर किए जा सकते हैं। क्योंकि यह किसी विशेष प्रयोगशाला उपकरणों के विकल्प के रूप में कार्य करती है।बुनियादी ढांचे की जरूरत को पूरा करने में सक्षमजहां अन्य टेस्ट किट एक निश्चित संख्या तक ही नमूने ले सकती हैं, वहीं इस किट का इस्तेमाल कितनी भी ज्यादा संख्या में नमूने टेस्ट करने में कर सकते हैं। इसमें केवल पेपर कॉट्रेज बदलने की जरूरत पड़ती है। इस पोर्टेबल नॉन-इनवेसिव रैपिड डिटेक्शन टेस्ट किट का कॉन्सेप्ट आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रो।सुमन चक्रवर्ती और यहीं के स्कूल ऑफ बायो साइंस के डॉ। अरिंदम मंडल का है। प्रो।चक्रवर्ती ने कहा, 'अभी सबसे बड़ी चुनौती किसी भी विशेष बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करना है। उसमें भी नतीजों की सटीकता से समझौता किए बिना, कम लागत पर बड़े पैमाने पर परीक्षण करने की सुविधा सुनिश्चित करना है। आरटी-पीसीआर आधारित परीक्षण में लेबोरेटरी आदि की जरूरत होती है।' वहीं आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं के अनुसार, इस रेपिड टेस्ट किट के कोई नतीजे गलत नहीं रहे। डॉ। मंडल ने कहा, 'आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित यह पोर्टेबल डिवाइस न केवल COVID-19 के टेस्ट के लिए मान्य किया गया है, बल्कि एक ही सामान्य प्रक्रिया का पालन करके इससे किसी भी अन्य प्रकार के आरएनए वायरस का भी पता लगाया जा सकता है। लिहाजा यह किट आने वाले कई वर्षों तक ऐसी बीमारियों के परीक्षण में उपयोगी साबित होगी, जो मानव जीवन को खतरे में डाल सकती हैं।' आईआईटी खड़गपुर अपने इस प्रोडक्ट को कमर्शियल स्टेज पर ले जाने के लिए तैयार है। कोई भी कॉर्पोरेट या स्टार्ट-अप टेक्नॉलॉजी लाइसेंस और इसके प्रोडक्शन के लिए संस्थान से संपर्क कर सकता है।