चेन्नई / 1 को छोड़कर सभी विषयों में टॉपर थी आत्महत्या करने वाली आईआईटी मद्रास की छात्रा

आईआईटी मद्रास की 'आत्महत्या' करने वाली 18-वर्षीय छात्रा एक विषय के अलावा सभी विषयों में टॉपर थी। मृतका के माता-पिता का आरोप है कि छात्रा ने फोन में लिखे नोट में एक प्रोफेसर को इसका ज़िम्मेदार बताया है। एचओडी ने कहा, "छात्रा को अन्य विषयों में सर्वाधिक अंक मिले सिर्फ प्रोफेसर के पेपर में ही वह दूसरे स्थान पर रही।"

Jansatta : Nov 13, 2019, 05:29 PM
चेन्नई. आईआईटी मद्रास में एमए फर्स्ट ईयर की छात्रा फातिमा लतीफ की कथित आत्महत्या मामले में परिजनों ने मंगलवार (12 नवंबर) केरल के सीएम पिनरई विजयन से इंसाफ की गुहार लगाई है। साथ ही, पुलिस की जांच में राज्य सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है। बता दें कि शनिवार (9 नवंबर) सुबह फातिमा अपने हॉस्टल रूम में मृत मिली थी। उसने फांसी लगा ली थी। केरल के कोलम से ताल्लुक रखने वाली फातिमा ह्यूमैनिटीज एंड डिवेलपमेंट स्टडीज (इंटीग्रेटेड) सब्जेक्ट में एमए फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। टीचर्स का कहना है कि वह काफी होनहार छात्रा थी और क्लास टॉपर भी थी।

पिता अब्दुल लतीफ ने बताया, ‘‘इस मामले में पुलिस ने सुसाइड का केस दर्ज किया है। साथ ही, दावा किया है कि मौके से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला।’’ अब्दुल ने इस मामले में पीएम मोदी को भी याचिका भेजी है और इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है। उन्होंने फातिमा के फोन में लिखे एक नोट का जिक्र करते हुए एक टीचर का नाम भी लिया है। अब्दुल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फातिमा के नोट में एक प्रोफेसर का नाम लिखा है, जो उसकी मौत का कारण हो सकता है।

पुलिस ने छात्रा का मोबाइल जांच के लिए भेज दिया है। हालांकि, संबंधित प्रोफेसर से इस मामले में बात नहीं हो सकी। आईआईटी मद्रास के ह्यूमैनिटीज विभाग के हेड उमाकांत दास ने बताया कि सभी प्रोफेसर्स व स्टूडेंट्स के साथ-साथ पूरा डिपार्टमेंट इस मामले को लेकर हैरान है। कोई नहीं जानता है कि आखिर फातिमा ने अपनी जान क्यों दे दी?

पिता अब्दुल ने बताया, ‘‘फातिमा ने कभी ऐसी कोई बात या हरकत नहीं की, जिससे लगे कि वह सुसाइड कर लेगी। न ही उसे किसी तरह की मानसिक बीमारी थी। उसकी मौत एक रहस्य है। उसने पहले भी इस प्रोफेसर के बारे में बताया था, जो छात्रों को परेशान करते थे। उसने बताया था कि वह रोजाना रात करीब 9 बजे मेस हॉल में बैठकर रोती थी। हमने पुलिस से सीसीटीवी फुटेज चेक करने की डिमांड की है।’’

अब्दुल का कहना है कि फातिमा ने पिछले आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम में नेशनल लेवल पर सबसे ज्यादा स्कोर किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि फातिमा की मौत के बाद उसके विभाग ने अगले 45 दिन के लिए क्लासेज सस्पेंड कर दी हैं। साथ ही, दिसंबर में होने वाली परीक्षाएं भी टाल दी हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स से घर लौट जाने के लिए कहा गया है। हमें शक है कि यह कदम जांच व सबूत जुटाने में रुकावट डालने के लिए किया गया है। वहीं, डिपार्टमेंट के हेड उमाकांत ने परीक्षाएं रद्द करने की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कक्षाएं लगातार हो रही हैं। कोई भी क्लास सस्पेंड नहीं की गई है। हालांकि, फातिमा की क्लास के कुछ छात्रों ने अनुरोध किया है कि अगले हफ्ते होने वाले कुछ विषयों के इंटरनल एग्जाम पोस्टपोन्ड कर दिए जाएं, क्योंकि वे इस हादसे से उबर नहीं पाए हैं। इस मामले में हम कुछ जरूरी इंतजाम करेंगे।