The Quint : Dec 26, 2019, 01:19 PM
नई दिल्ली: राइटर और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधती रॉय ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में डिटेंशन सेंटर के मुद्दे पर सरकार झूठ बोल रही है. साथ ही उन्होंने एनपीआर पर कहा कि इसमें अधिकारियों को गलत जानकारी दें. अरुंधती रॉय नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली यूनिवर्सिटी में जमा हुए अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने पहुंची थीं. अरुंधति रॉय के साथ ही बॉलीवुड एक्टर जीशान अय्यूब और इकनॉमिस्ट अरुण कुमार भी नार्थ कैंपस पहुंचे.सरकार एनआरसी और डिटेंशन कैंप के मुद्दे पर झूठ बोल रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस विषय पर देश के सामने गलत तथ्य पेश किए हैं. जब कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र, सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाते हैं तो इन छात्रों को अर्बन नक्सल कह दिया जाता है.अरुंधति रॉय ने छात्रों से कहा कि एनपीआर भी एनआरसी का ही हिस्सा है. उन्होंने कहा कि एनपीआर में अपनी जानकारी गलत बताएं.एनपीआर के लिए जब सरकारी कर्मचारी जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा बिल्ला बताइए. अपने घर का पता देने के बजाए प्रधानमंत्री के घर का पता लिखवाएं.‘मां बच्चों की बजाय अपने कागज बचाती है’अरुंधति रॉय ने बेहद तल्ख अंदाज में सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘नार्थ ईस्ट में जब बाढ़ आती है तो मां अपने बच्चों को बचाने से पहले अपने नागरिकता के साथ दस्तावेजों को बचाती है, क्योंकि उसे मालूम है कि अगर कागज बाढ़ में बह गए तो फिर उसका भी यहां रहना मुश्किल हो जाएगा.’जेएनयू में 30 साल तक प्रोफेसर रहे इकनॉमिस्ट अरुण कुमार ने छात्रों से कहा कि वो सरकार से शिक्षा एवं अपने रोजगार को लेकर सवाल पूछें. कुमार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा चुकी है, विकास दर साढ़े चार प्रतिशत भी नहीं बची. और इसी तथ्य को छुपाने के लिए ऐसे कानून लाए जा रहे हैं.