Zee News : Apr 19, 2020, 08:15 AM
नई दिल्ली: भारत द्वारा ब्रिटेन भेजे गए पैरासिटामोल के पैकेट जल्द ही ब्रिटिश बाजारों में उतरेंगे। COVID-19 से निपटने के लिए भारत कई देशों को दवाइयां भेज रहा है। इसमें करीब 55 देशों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भेजी गई है, जिसे वर्तमान परिस्थितियों में गेम-चेंजर दवा कहा जा रहा है।ब्रिटिश उच्चायोग के एक प्रवक्ता का कहना है, "हम भारत सरकार को यूके में पेरासिटामोल के 2.8 मिलियन पैकेट के निर्यात को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद करते हैं। यह दवा यूके के अग्रणी सुपरमार्केट और खुदरा विक्रेताओं को वितरित की जाएगी।"उन्होंने ये भी कहा, "दशकों में हम कोरोना वायरस जैसे सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहे हैं, इसलिए यह जरूरी है कि हम वैश्विक व्यापार को जारी रखने और आपूर्ति पूरी करने के लिए एक साथ काम करें। कोरोना वायरस को हराने के लिए हम भारत और अन्य देशों के साथ काम करना जारी रखेंगे।''कोरोना संकट से लड़ने के लिए दोनों देश कई बहुपक्षीय मंचों के तहत काम कर रहे हैं। 15 अप्रैल को G 20 के वित्त मंत्रियों ने कोरोनोवायरस महामारी के वैश्विक आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए एक आर्थिक कार्य योजना पर सहमति व्यक्त की। इस कार्य योजना को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राजकोष के अध्यक्ष ऋषि सनक ने आगे बढ़ाया।भारत ने यहां फंसे कई ब्रिटिश नागरिकों की वापसी की व्यवस्था की है। ब्रिटेन सरकार द्वारा चलाए गए चार्टर उड़ानों के जरिए अब तक 3,700 से ज्यादा ब्रिटिश नागरिक ब्रिटेन वापस पहुंच चुके हैं। शुक्रवार को घोषित चार्टर उड़ानों के तीसरे दौर के अंत में, यूके ने 9,000 से अधिक लोगों को ब्रिटेन लौटने में मदद की।ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा, "हम भारत की उन जगहों से और भी उड़ानों की व्यवस्था करना चाहते हैं जहां हम जानते हैं कि बड़ी संख्या में ब्रिटिश नागरिक अभी भी फंसे हुए हैं।"कोविड-19 के भारतीय मॉडल के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा, 'कोरोनोवायरस के प्रसार को धीमा करने के लिए भारत की तरह यूके ने भी आने-जाने पर रोक लगा रखी है, ताकि एक समय पर कम से कम लोग बीमार हों और हमारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा उनका इलाज करने में सक्षम हो। इसलिए हम लोगों को घर पर ही रहने के निर्देश दे रहे हैं, जिससे जिंदगियां बचाई जा सकें।'