जयपुर / भारत बांग्लादेश टेस्ट मैच- पिंक बॉल तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद करेगी

भारत और बांग्लादेश आज से अपना पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेलेंगी,जिसमे पिंक बॉल सबसे ज्यादा चर्चा में है,और देखना बड़ा दिलचस्प रहेगा की इस मैच में पिंक बॉल किसका ज्यादा साथ देती है क्योकी अभी तक जितने भी डे-नाइट मैंच हुए है उन सब में पिंक बॉल गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार साबित हुई है,वही दुसरी तरफ बल्लेबाजो के लिए ये चुनौतीपुर्ण रहा है।

Dainik Bhaskar : Nov 22, 2019, 01:09 PM
कोलकता ईडन गार्डन. भारत और बांग्लादेश की टीमें आज से अपना पहला डे-नाइट टेस्ट कोलकता में खेलेंगी। यह अभी तक का 12वां डे-नाइट मैच होगा। और अभी तक जितने भी डे-नाइट मैच हुए है उन्में 11 मेचौ के नतीजे देखने को मिले हैं। ओर इसका एक बड़ा कारण पिंक बॉल, जो तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार साबित हुई है। क्योकि पिंक बॉल की चमक ज्यादा समय तक रहती है और रेड बॉल के मुकाबले स्विंग भी ज्यादा होती है।

इस बॉल से टेस्ट के लिए विकेटों पर ज्यादा घास भी छोड़ी जाती है ताकि देर तक कलर की चमक बरकरार रखी जा सके। यह भी तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद पहुंचाती है। अगर हम बात करे पिछले डे-नाइट मैचों के आंकड़े कि तो पिंक बॉल बल्लेबाजों की तुलना में गेंदबाजों की मदद ज्यादा करती है।और इसी तरह सभी 11 मैचों में नतीजे निकले हैं मतलब हर मैच में एक टीम विपक्षी टीम के 20 विकेट लेने में कामयाब रही। और 11 में से 6 टेस्ट मैच 5वें दिन तक भी नहीं पहुंचे। 2 टेस्ट चौथे दिन खत्म हुए। 3 टेस्ट तीसरे दिन खत्म हुए और एक टेस्ट दो दिन में ही खत्म हो गया। और इस तरह दिन के समय रेड बॉल से खेले गए मैचों में इस आंकड़े में बहुत अंतर है।

इन टेस्टों में लगभग 67.5% मैचों में ही नतीजे निकले हैं। और अगर दिन में खेले गए टेस्ट मैचों की बात करे तो बॉलिंग एवरेज 32.09 ही रहा है यानी यहां गेंदबाजों को हर 32 रन के बाद एक विकेट मिला,जबकि डे-नाइट टेस्टों में बॉलिंग एवरेज 27 है, यानी इन मैचों में गेंदबाजों को हर 27 रन पर एक विकेट हासिल हुआ।

तो इस तरह हम कह सकते है कि पिंक बॉल बल्लेबाजो के लिए ज्यादा प्रभावी होगी और गेंदबांजो के लिए मददंगार | क्योकी हम अगर विजिबिलिटी की बात करे तो पिंक बॉल की विजिबिलिटी दिन में रेड बॉल से भी बेहतर होती है, लेकिन जब सूरज ढल रहा होता है और फ्लड लाइट धीरे-धीरे ग्राउंड को टेक ओवर करती है, तो उस दौरान सबसे कम लाइट होती है। यह करीब आधा घंटा रहता है और इस दौरान पिंक बॉल की विजिबिलिटी थोड़ी कम रहेगी।ओऱ इस समय बल्लेबाजों के लिए थोड़ा चुनौतीपुर्ण रहैगा |