Vikrant Shekhawat : Nov 02, 2024, 09:47 AM
India-Pakistan Relations: भारत आज वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुका है। इसके विपरीत, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कमजोर है और उसे अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से लगातार सहायता की आवश्यकता होती है। लेकिन हाल ही में एक अनोखी स्थिति सामने आई है, जहां भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) गिरावट का सामना कर रहा है, जबकि पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में मामूली वृद्धि हुई है।
भारत का फॉरेक्स रिजर्व: हालिया गिरावट
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 25 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.46 अरब डॉलर घटकर 684.80 अरब डॉलर पर आ गया है। सितंबर के अंत में भारत का फॉरेक्स रिजर्व 704.88 अरब डॉलर के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन हालिया गिरावट ने इसे कम कर दिया है।भारत के फॉरेक्स रिजर्व में कई तत्व शामिल हैं:- अलग-अलग विदेशी मुद्राएं (डॉलर में गणना की जाती हैं),
- गोल्ड रिजर्व, जिसकी वर्तमान में कुल कीमत 68.52 अरब डॉलर है,
- आईएमएफ से मिले स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs), जिनकी मौजूदा वैल्यू 18.21 अरब डॉलर है,
- आईएमएफ में भारतीय रिजर्व पोजिशन, जिसकी कीमत 4.30 अरब डॉलर है।
पाकिस्तान: छोटे फॉरेक्स रिजर्व में मामूली बढ़ोतरी
दूसरी ओर, पाकिस्तान का फॉरेक्स रिजर्व, भारत की तुलना में काफी छोटा है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, 25 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 16.04 अरब डॉलर था। पिछले सप्ताह की तुलना में इसमें मामूली वृद्धि हुई, क्योंकि 18 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में यह 16.01 अरब डॉलर था।हालांकि पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व में यह वृद्धि काफी कम है, लेकिन पाकिस्तान के लिए यह उत्साहजनक है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था लंबे समय से कर्ज और आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रही है। पाकिस्तान के लिए यह मामूली बढ़ोतरी भी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसे आईएमएफ, चीन और सऊदी अरब जैसे देशों से कर्ज लेकर अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी करनी पड़ती हैं।भारत-पाकिस्तान की फॉरेक्स स्थिति का तुलनात्मक विश्लेषण
भारत और पाकिस्तान के फॉरेक्स रिजर्व की तुलना सीधे नहीं की जा सकती क्योंकि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा भंडार का स्तर बहुत अलग है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 684.80 अरब डॉलर के आसपास है, जो पाकिस्तान के 16.04 अरब डॉलर के मुकाबले लगभग 42 गुना अधिक है।- भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, और इसका विदेशी मुद्रा भंडार इसे संकट के समय स्थिरता प्रदान करता है।
- पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर बढ़ते कर्ज का बोझ और राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव है, जिससे इसका फॉरेक्स रिजर्व कमजोर रहता है।