कोरोना वायरस / देश में सामने आए कोविड-19 के 1 लाख से अधिक नए मामले

भारत में 214 दिनों के भीतर पहली बार कोविड-19 के 1 लाख से अधिक (1,17,100) नए मामले दर्ज हुए। यह आंकड़ा कोविड-19 की पहली लहर की पीक (सितंबर 2020) से अधिक है। पिछले 24-घंटों में देश में कोविड-19 से 302 मौतें हुईं और 30,836 लोग संक्रमण से उबरे जिसके बाद कोविड-19 के सक्रिय मामले 3,71,363 हो गए हैं।

Vikrant Shekhawat : Jan 07, 2022, 01:52 PM
नई दिल्ली: भारत में गुरुवार को कोरोना संक्रमण के 1.17 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं। दैनिक मामलों में 5 जून, 2021 के बाद यह सबसे अधिक वृद्धि है। आपको बता यह भी बता दें कि देश में कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के कारण तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन के कारण दूसरी लहर की तुलना में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है।

महाराष्ट्र के अलावा बंगाल में भी कोरोना का कहर

आपको बता दें कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में सबसे अधिक संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं।  गुरुवार को महाराष्ट्र में 36365 नए मामले दर्ज किए गए, जो देश के किसी भी राज्य में सबसे अधिक है। 16 मई, 2021 के बाद से महाराष्ट्र में सबसे अधिक केस सामने आए हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल में 15421 नए मामलों की पुष्टि कल हुई है। 

तीसरी लहर के कारण शुरू हुआ पाबंदियों का दौर

देश भर में दर्जनों राज्य सरकारें पहले ही नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन के साथ-साथ साथ-साथ स्कूलों को भी बंद कर चुकी हैं। हालांकि, कई राज्यों में राजनीतिक रैलिया जारी हैं, जहां अगले कुछ हफ्तों और महीनों में चुनाव होने वाले हैं। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को सभी राज्यों को जिला और उप-जिला स्तर पर 24×7 नियंत्रण कक्ष फिर से स्थापित करने का निर्देश दिया है। इसका मकसद गंभीर मरीजों के लिए एम्बुलेंस और अस्पताल के बिस्तर की बुकिंग जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करना है। 

केंद्र ने राज्यों को भेजे कई दिशानिर्देश

केंद्र सरकार ने नियंत्रण कक्षों में पर्याप्त रूप से चिकित्सा चिकित्सक, परामर्शदाता और अन्य संबंधित कर्मचारियों के साथ स्वयंसेवकों का स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए कहा है। केंद्र के निर्देश ने इन नियंत्रण कक्षों में निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए कंप्यूटर और ब्रॉडबैंड के संदर्भ में बुनियादी ढांचे को सक्षम करने और निर्दिष्ट आबादी के लिए पर्याप्त फोन लाइनों की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके अलावा केस के आधार पर नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे चालू रखने के लिए कहा गया है।