देश / ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण सफल, रक्षा मंत्री ने कहा- आत्मनिर्भर भारत की दिशा बड़ा कदम

भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी। बता दें कि ओडिशा के बालासोर में बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया।

Vikrant Shekhawat : Sep 30, 2020, 04:09 PM
नई दिल्ली: भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

बता दें कि ओडिशा के बालासोर में बुधवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह मिसाइल 400 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम है। डीआरडीओ ने यह परीक्षण अपने पीजे-10 प्रॉजेक्ट की तहत किया है। इस टेस्ट के लिए मिसाइल को देसी बूस्टर से लक्ष्य पर दागा गया। यह ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का दूसरा सफल परीक्षण है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपबलब्धि पर खुशी जताई है।

बता दें कि इससे पहले दिसंबर में 290 किलोमीटर रेंज के ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण हुआ था। ब्रह्मोस के नए संस्करण का प्रपल्शन सिस्टम, एयरफ्रेम, पॉवर सप्लाई समेत कई अहम उपकरण भारत में ही विकसित किए गए हैं। ब्रह्मोस को भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओएम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। ब्रह्मोस दुनिया की अपनी तरह की इकलौती क्रूज मिसाइल है, जो सुपरसोनिक स्पीड से दागी जा सकती है। भारतीय सेना के तीनों अंगों के लिए ब्रह्मोस मिसाइल के अलग-अलग संस्करण बनाए गए हैं।

दरअसल, सीमा पर चीन और पाकिस्तान की गोलबंदी के कारण भारत अपनी सामरिक और सैन्य ताकत बढ़ाने में जुटा है। पूर्वी लद्दाख में चीन की जिद और अतीत में उसके रवैये को देखते हुए भारत को हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। यहीं वजह है कि भारत रक्षा सौदों में भी तेजी लाया है और परीक्षणों में भी।