देश / भारतीय वायुसेना में जल्द 83 तेजस विमान होंगे शामिल, 48 हजार करोड़ की डील को मंजूरी

भारतीय वायु सेना के बेड़े में जल्द ही 83 तेजस विमान शामिल होंगे। लड़ाकू विमान तेजस के 48 हजार करोड़ के सौदे को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने मंजूरी दे दी है। CCS ने प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में इस समझौते को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सौदे पर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वायु सेना को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सौदा रक्षा क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होग

Vikrant Shekhawat : Jan 13, 2021, 06:12 PM
Delhi: भारतीय वायु सेना के बेड़े में जल्द ही 83 तेजस विमान शामिल होंगे। लड़ाकू विमान तेजस के 48 हजार करोड़ के सौदे को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने मंजूरी दे दी है। CCS ने प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में इस समझौते को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सौदे पर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वायु सेना को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सौदा रक्षा क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगा।

बता दें कि तेजस मिसाइलों को हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मार कर सकता है। एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी इसमें रखे जा सकते हैं। तेजस को 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम मिश्र धातु और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस एक स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है। यह चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है। तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) को भारतीय वायु सेना द्वारा पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है।

तेजस सौदे के बारे में, राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने पहले ही अपने नासिक और बेंगलुरु डिवीजनों में दूसरी लाइन विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना की है। HAL भारतीय वायु सेना को LCA-MK1A उत्पादन देगा। उन्होंने कहा कि आज लिए गए निर्णय से मौजूदा एलसीए प्रणाली का विस्तार होगा और नौकरी के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता वाले सीसीएस ने आज ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा सौदे पर मुहर लगा दी है। यह सौदा 48 हजार करोड़ रुपये का है। यह स्वदेशी Te एलसीए तेजस ’के माध्यम से हमारे वायु सेना के बेड़े की ताकत को मजबूत करेगा। यह सौदा भारत के रक्षा विनिर्माण के लिए गेम चेंजर साबित होगा।